Delhi MCD election 2022 : दिल्ली एमसीडी नगर निगम चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए भाजपा एक बार फिर 2017 का फॉर्मूला अपना सकती है। इस चुनाव में पिछले पांच साल में सत्ता में काबिज रहे सभी 15 मेयरों और पार्षदों का टिकट काटा जा सकता है। पार्टी उनकी जगह युवा और महिला चेहरों पर दांव लगा सकती है। यह पूरी कोशिश आम आदमी पार्टी द्वारा पार्टी पार्षदों पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को भोथरा करने के लिए किया जा सकता है। दिल्ली नगर निगम का चुनाव गुजरात विधानसभा के साथ दिसंबर में होने की संभावना है।
Delhi MCD election 2022 :
2017 में हुए पिछले नगर निगम चुनाव में भी भाजपा के विरुद्ध जबर्दस्त विरोध था, लेकिन अमित शाह की अगुवाई में पार्टी ने एक रणनीति के साथ सभी पुराने चेहरों को बदल दिया और नए चेहरों को मैदान में उतारकर सत्ता में वापसी करने में सफल रही थी। सफलता के उसी मंत्र को पार्टी एक बार फिर आजमाने पर विचार कर रही है।
दरअसल, दिल्ली में भाजपा का एक खास समर्थक वर्ग है, जो किसी भी हालत में उसके साथ बना रहता है। अरविंद केजरीवाल की प्रचंड लोकप्रियता के 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में भी वह उसके साथ बना रहा। हालांकि, इन चुनावों में भाजपा को सीटों के रूप में ज्यादा सफलता नहीं मिली, लेकिन उसका पारंपरिक मत प्रतिशत (35 फीसदी के करीब) उसके साथ बना रहा। लोकसभा चुनाव के दौरान यह मत प्रतिशत बढ़कर 50 फीसदी के पार भी चला जाता है।
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पार्टी यह मान रही है कि भाजपा के ये मतदाता पार्टी से नाराज नहीं हैं, लेकिन स्थानीय पार्षदों से उनकी नाराजगी हो सकती है। इससे वे उस चेहरे को दोबारा अवसर देने पर उस उम्मीदवार के विरुद्ध जा सकते हैं, जिससे पार्टी की संभावनाएं प्रभावित हो सकती हैं। लेकिन यदि चेहरा बदल जाता है, तो नये चेहरे को अवसर देने के नाम पर वह उसके साथ बना रह सकता है। यही कारण है कि भाजपा इस चुनाव में पूरी तरह नए चेहरों को मौका दे सकती है।
Delhi MCD election 2022 : पार्टी सर्वे में पास होने पर ही मिलेगा टिकट
दिल्ली भाजपा के एक पदाधिकारी ने अमर उजाला को बताया कि जिन सीनियर पदाधिकारियों और पार्षदों के खिलाफ पार्टी को शिकायतें मिली हैं, उनका टिकट कटना तय है। पार्टी पुराने चेहरों की जगह नए और युवा चेहरों को उतारकर राजधानी में नये कार्यकर्ताओं को मजबूती भी देना चाहती है। निगम की आधी सीटें पहले ही महिलाओं के लिए आरक्षित हैं, लेकिन सामान्य सीटों पर जहां किसी महिला दावेदार की भूमिका ज्यादा सराहनीय रही है, उन्हें सामान्य सीटों पर भी उतारा जा सकता है।
नेता के मुताबिक़, सभी क्षेत्रों के उम्मीदवारों का नाम फाइनल करने से पहले पार्टी अपना आंतरिक सर्वे कराएगी। साफ़-स्वच्छ और जनता के बीच लोकप्रिय होने के साथ-साथ स्थानीय समीकरणों पर खरा उतरने वाले जिताऊ चेहरों को ही मैदान में उतारा जाएगा। नेता ने दावा किया कि बेहद स्थानीय स्तर पर चुनाव होने के कारण पार्टी को उम्मीद है कि वह भारी संख्या में अपने प्रत्याशियों को जिताने और निगम में सरकार बनवाने में सफल रहेगी।