Diabetes: महिलाओं में पहली बार एलटीएल और मोटापे के बीच संबंध मिला

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Diabetes: Relationship between LTL and obesity found for the first time in women

नयी दिल्ली: शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि 2015 से 2020 के बीच किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि एक ‘बायोमार्कर’ ल्युकोसाइट टेलोमीयर लेंथ (एलटीएल) का संबंध ऐसी महिलाओं में मोटापे से हैं, जिनके रक्त में शर्करा की मात्रा अधिक होती है या फिर जो टाइप-2 मधुमेह से पीड़ित होती हैं।

‘बायोमार्कर’ स्वाभाविक रूप से पैदा होने वाला ऐसा तत्व है, जिससे किसी रोग की पहचान की जा सकती है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, ‘एलटीएल’ का स्तर जन्म के समय सबसे अधिक होता है। किशोरावस्था में इसमें तेजी से गिरावट देखने को मिलती है और फिर बुढ़ापे तक ‘एलटीएल’ में कमी की गति धीमी पड़ जाती है।

दिल्ली के एक अस्पताल द्वारा बृहस्पतिवार को जारी बयान के मुताबिक, ‘‘जुलाई 2015 से दिसंबर 2020 तक किए गए अध्ययन में उत्तर भारत की कुछ ऐसी महिलाओं (20-60 साल की आयु) को चुना गया, जो छह से अधिक महीनों से वहां रह रही थीं। इनमें से 797 महिलाओं (492 मोटापे की शिकार, 305 सामान्य वजन वाली) को टाइप-2 मधुमेह नहीं था, लेकिन उनके खून में शर्करा का स्तर ज्यादा था। इन महिलाओं के जनसांख्यिकी संबंधी आंकड़े, चिकित्सकीय रिकॉर्ड और खाली पेट उनके रक्त में मौजूद शर्करा के स्तर का मूल्यांकन किया गया।’’

इस अध्ययन की रूपरेखा ‘फोर्टिस सी-डॉक हॉस्पिटल फॉर डायबिटीज एंड एलाइड सांइसेज’ के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अनूप मिश्रा ने तैयार की। अध्ययन के नतीजे ‘बीएमजे ओपन डायबिटीज रिसर्च एंड केयर जर्नल’ के हालिया अंक में प्रकाशित किए गए हैं।
शोधकर्ताओं ने बयान में दावा किया, ‘‘यह पहले से ही मालूम है कि एलटीएल का संबंध बढ़ती उम्र और उससे जुड़ी बीमारियों, मसलन-मोटापे, टाइप-2 मधुमेह और दिल की बीमारी से है। लेकिन यह अध्ययन टाइप-2 मधुमेह के प्रति संवेदनशील महिलाओं में एलटीएल और मोटापे के बीच के संबंध की जांच करने वाला पहला अध्ययन है।’’

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