spot_img
HomeBreakingडॉ खूबचंद बघेल का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता- CM बघेल

डॉ खूबचंद बघेल का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता- CM बघेल

रायपुर, 19 जुलाई 2023 : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज डॉ खूबचंद बघेल की जयंती के अवसर पर राजधानी रायपुर के फूल चौक स्थित डॉ खूबचंद बघेल व्यवसायिक परिसर नवीन मार्केट में आयोजित जयंती समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री बघेल ने परिसर में स्थापित डॉ खूबचंद बघेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें पुष्पांजलि दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि डॉ खूबचंद बघेल छत्तीसगढ़ के पहले स्वप्नदृष्टा थे।

छत्तीसगढ़ के लिए उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। डॉ खूबचंद का व्यक्तित्व बहुआयामी था। वे एक कुशल संगठक, चिकित्सक, किसानों के हितैषी, सहकारिता आंदोलन के अग्रणी, लेखक व अच्छे कलाकार भी थे। डॉ खूबचंद बघेल ने स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया। उनकी मां और पत्नी भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहीं।

मुख्यमंत्री बघेल डॉ खूबचंद बघेल जयंती कार्यक्रम में हुए शामिल

देश की आजादी का समय हमारे राष्ट्र के नवनिर्माण का काल था। उस समय यह प्रश्न था कि एक नए भारत में छत्तीसगढ़ को भारत के नक्शे पर कैसे उभारा जाए । छत्तीसगढ़ के लोगों के जो सवाल हैं उनका समाधान कैसे ढूंढा जाए। डॉ खूबचंद बघेल ने कहा कि इन सभी सवालों का एक ही समाधान है और वह यह कि पृथक छत्तीसगढ़ राज्य बने। छत्तीसगढ़ बनने में कई महापुरुषों ने अपना योगदान दिया और हमें आज यह नया राज्य मिला है। राज्य बनने के बाद हमारे पुरखों की जो उम्मीदें थी हम उन्हीं उम्मीदों को पूरा करने का कार्य कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद सबसे पहला फैसला हमने किसानों की ऋण माफी का लिया। उसके बाद ढाई हजार रुपये क्विंटल धान खरीदने का निर्णय लेकर किसानों की उपज को मान दिया। छत्तीसगढ़ का 44 प्रतिशत जंगल है। इसलिए हमने 65 प्रकार के लघु वनोपज की खरीदी की व्यवस्था बनाई। हमारे राज्य की दो विभीषिकाएं बहुत बड़ी थी। एक पलायन और दूसरा नक्सलवाद। इन दोनों समस्याओं में बहुत कमी आई है।

सांस्कृतिक रूप से छत्तीसगढ़ को समृद्ध बनाने के लिए भी हमने कई कदम उठाये हैं। छत्तीसगढ़ राज्य को अपना राजगीत मिला है। डॉ खूबचंद बघेल छत्तीसगढ़ की संस्कृति और यहां की परंपराओं के पोषक थे। हमने 1 मई को श्रमिक दिवस को बोरे बासी दिवस के रुप में मनाया। डॉ खूबचंद बघेल का गीत है – गजब विटामिन भरे हुए हे छत्तीसगढ़ के बासी मा।

यह भी पढ़ें:CG Assembly Monsoon Session: विपक्ष ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया…

हमने बोरे बासी दिवस मनाकर उनके उस गीत और छत्तीसगढ़ के आहार को सम्मान दिया। आज देश में छत्तीसगढ़ की पहचान यहां की संस्कृति से है, लघु वनोपज की खरीदी से है, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल से है। देश और दुनिया में छत्तीसगढ़ को लेकर सोच में परिवर्तन आया है। पहली बार हमने आदिवासी नृत्य महोत्सव आयोजित किया, जिसमें देश और विदेश के कई नृत्य समूहों ने हिस्सा लिया।

हमारा प्रयास छत्तीसगढ़ की प्राचीन, ऐतिहासिक, पौराणिक धरोहर को सामने लाने और सहेजने की है। यह वही परिवर्तन है जिसका सपना हमारे पुरखों ने देखा था कि हर छत्तीसगढ़िया में छत्तीसगढ़िया होने का स्वाभिमान जागे। सभी जिलों में हम छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं। हम छत्तीसगढ़ की संस्कृति को महत्व देने का काम कर रहे हैं।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक, रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर, छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी समाज से केंद्रीय अध्यक्ष चोवाराम वर्मा, जागेश्वर वर्मा, महेश वर्मा, रघुनंदन लाल वर्मा, मनोज वर्मा, संजय श्रीवास्तव, डोमेश्वरी वर्मा सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।

RELATED ARTICLES
spot_img
- Advertisment -spot_img

ब्रेकिंग खबरें

spot_img