डॉक्टर की लापरवाही से 5 मासूम बने HIV Positive, बिना चेक किए चढ़ाया संक्रमित खून

0
161
डॉक्टर की लापरवाही से 5 मासूम बने HIV Positive, बिना चेक किए चढ़ाया संक्रमित खून

सतना : मध्य प्रदेश के सतना जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने हर किसी को हैरान करके रख दिया है. यहां जो कुछ भी हुआ वो महज लापरवाही नहीं बल्कि बच्चों के साथ किया गया ‘खूनी पाप’ है. बता दें कि यहां एक अस्तपताल में थैलेसीमिया से पीड़ित 5 मासूम बच्चे अपनी खून चढ़वाने के लिए गए थे लेकिन लेकिन सिस्टम और डॉक्टर की अनदेखी के चलते इन बच्चों को दूषित ब्लड चढ़ा दिया गया जिसकी वजह से ये सभी बच्चे एचआईवी पॉजिटिव हो गए हैं. इन बच्चों की उम्र 3 से 15 साल के बीच है और ये बच्चे नियमित रूप से इस अस्पताल से ब्लड चढ़वा रहे थे.

इसे भी पढ़ें :-Anupama Gulati murder case : पत्नी के साथ हैवानियत…शव के 72 टुकड़ों कर डीप फ्रीजर में छुपाया….मिली सख्त सजा

बता दें कि ये मामला सबसे पहले जनवरी से मई 2025 के बीच सामने आए थे, पर कई महीनों तक इन मामलों को दबाने की कोशिश की गई. जब इस मामले की जांच शुरू हुई तो पता चला बच्चों को चढ़ाया गया खून HIV पॉजिटिव था, जिसकी वजह से सभी बच्चे इस वायरस की चपेट में आए. हर ब्लड बैंक में खून की स्क्रीनिंग अनिवार्य होती है लेकिन इस ब्लड बैंक ने इसकी अनदेखी करके 5 बच्चों और उनके परिवारों को जीवनभर का दर्द दे दिया. जब इस मामले की जांच हुई तो ज्यादातर बच्चों के मां-बाप HIV नेगेटिव पाए गए, जिससे ये साफ हो गया कि बच्चों के अंदर ये संक्रमण ब्लड ट्रांसफ्यूजन से हुआ है.

इसे भी पढ़ें :-एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम में लगातार 2 तिमाही से मध्यप्रदेश प्रथम

इस मामले के सामने आने के बाद परिवारों में हड़कंप मच गया है. जहां एकतरफ पहले ही ये बच्चे थैलेसीमिया से जूझ रहे थे. अब इन बच्चों में पाए गए वायरस ने इन्हें जिंदगी भर का दर्द दे दिया है. एक पीड़ित बच्चे के पिता ने कहा, ‘मेरा बच्चा थैलेसीमिया से जूझ रहा था, जीवनदान के लिए खून चढ़वाया, लेकिन अब वो आजीवन HIV की बीमारी से ग्रस्त हो गया. यह अस्पताल की घोर लापरवाही है.’

इसे भी पढ़ें :-एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम में लगातार 2 तिमाही से मध्यप्रदेश प्रथम

इस मामले के सामने आने के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने इस पर सख्त कार्रवाई करते हुए अस्पताल के 2 डॉक्टर और ब्लड बैंक प्रभारी समेत तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है और पूर्व सिविल सर्जन को नोटिस जारी किया गया है. इसके अलावा इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने समिति का गठन किया है, जो सात दिनों के भीतर मामले की रिपोर्ट सौंपेगी.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here