spot_img
Homeराज्यछत्तीसगढ़रोजगार मतलब सरकारी नौकरी, यह धारणा तोड़नी होगी - Satish Kumar

रोजगार मतलब सरकारी नौकरी, यह धारणा तोड़नी होगी – Satish Kumar

रायपुर/12/08/2023/ स्वदेशी जागरण मंच (Swadeshi Jagran Manch) द्वारा चलाए जा रहे देशव्यापी स्वावलंबी भारत अभियान के तहत आज महाराजा अग्रसेन महाविद्यालय में छात्र संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में प्रमुख वक्ता के तौर पर स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संगठक सतीश कुमार मौजूद थे।

इस अवसर पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए सतीश कुमार जी ने कहा कि आमतौर पर कॉलेज में प्रवेश करने के साथ ही विद्यार्थियों के दिमाग में यह बातें आने लगती है कि हमें पढ़ाई करके अच्छी नौकरी खासकर सरकारी करना है और अपना भविष्य गढ़ना है।

परंतु रोजगार के बारे में धारणाएं कुछ उचित नही है। जैसे की रोजगार मतलब सरकारी नौकरी, नौकरी देना सरकार का ही काम है।

इसे भी पढ़ें :-CM Baghel ने नरैय्या तालाब में रजक गुड़ी, शहरी औद्योगिक पार्क का किया शुभारंभ

तीसरा अच्छी पढ़ाई के बाद 25-26साल के बाद ही नौकरी मिलेगी। परंतु इन धारणाओं को तोड़ते हुए लाखों युवा स्वावलंबन की राह पर बढ़ते हुए कम उम्र में ही आर्थिक सफलता के शिखर की ओर बढ़ते चले जा रहे है। यह सभी के लिए प्रेरणादायक है।रोजगार मतलब सरकारी नौकरी, यह धारणा तोड़नी होगी - Satish Kumar

सतीश कुमार ने उदाहरण देते हुए बताया कि रितेश अग्रवाल ने महज 18 साल की उम्र में ओयो की स्थापना की थी।आज उनकी कंपनी का हजारों करोड़ टर्नओवर है। उन्होंने बताया की टाटा समूह के संस्थापक जमशेद टाटा ने 14 साल की उम्र में पहली कमाई की थी।

फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग, एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब ने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपने स्वावलंबन का लोहा मनवाते हुए विश्व के सबसे धनी बने हुए है। बाबा रामदेव भी एक बड़े उदाहरण के रूप में हमारे सामने हैं जिन्होंने पतंजलि उत्पादों की श्रृंखला खड़ी करके 40हजार करोड़ की संपत्ति अर्जित की है।

इसे भी पढ़ें :-Independence Day Celebration 2023 : संसदीय सचिव शिशुपाल शोरी करेंगे ध्वजारोहण

उन्होंने बताया की एक सर्वे के अनुसार यूरोप के 72फीसदी विद्यार्थी पढ़ाई के दौरान ही कुछ कुछ कमाई करने लग जाते है।

सतीश कुमार ने कहा कि बेहतर भविष्य के लिए स्वरोजगार उधमिता के बारे में अभी से सोचना अब विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है। कुछ बड़ा सोचें,नया सोचे और आऊट ऑफ बॉक्स सोचें।रोजगार मतलब सरकारी नौकरी, यह धारणा तोड़नी होगी - Satish Kumar

उन्होंने कहा कि भारत आज विश्व की तीसरी आर्थिक महाशक्ति है। सारी दुनिया की निगाह भारत पर टिक गई है। हमारे यहां 65 फ़ीसदी आबादी युवाओं की है। ऐसे में भारत के पास पुराना गौरव पुनः प्राप्त करने का सुनहरा अवसर है।

उन्होंने स्वावलंबी भारत अभियान पर बताया कि हम इस अभियान को जोर-जोर के साथ जन-जन तक पहुंच रहे हैं ताकि लोगों की सोच बदले। हमारा प्रयास यह भी है कि भारत में कोई भी हाथ खाली ना रहे हर हाथ को रोजगार मिले, हर हाथ को काम मिले। भारत की युवा पीढ़ी अपनी सोच को नई उड़ान दे।

इस दौरान उपस्थित 500 विद्यार्थियों से सतीश कुमार ने पूछा कि पढ़ाई के साथ साथ कितने विद्यार्थी हैं जो कमाई भी करते हैं। 35 विद्यार्थियों ने पढ़ाई के साथ-साथ कमाई करने की भी बात कहीं। इनमें से मंच पर बुलाए गए दो विद्यार्थियों एक ने बताया कि एडिटिंग से भी ₹15000 महीना कमाती हैं तो दूसरे ने बताया कि वे स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करके 4 से 5 लाख महीना कमा रहे हैं।

कार्यक्रम में युवा स्टार्टअप मिस्त्री प्वाइंट के रोहित नागवानी, तथा राहुल गोयल को उन्होंने सम्मानित भी किया गया।

इस अवसर पर स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत संयोजक जगदीश पटेल, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एम एस मिश्रा,भारतीय विपरण विकास केंद्र के प्रबंधक सुब्रत चाकी,नवीन शर्मा,देवेंद्र गुप्ता,जीआर जगत सहित महाविद्यालय के शिक्षकगण भी उपस्थित थे। आभार प्रदर्शन प्राध्यापक डॉ स्वेता तिवारी ने ।

RELATED ARTICLES
spot_img
- Advertisment -spot_img

ब्रेकिंग खबरें

spot_img