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मशहूर अर्थशास्त्री ‘बिबेक देबरॉय’ का 69 साल की उम्र में निधन

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चाणक्य कहे जाने वाले मशहूर अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय अब इस दुनिया में नहीं रहे. इस दिग्गज हस्ती ने शुक्रवार को 69 वर्ष की उम्र में आखिरी सांस ली. आपको बता दें कि बिबेक देबरॉय पीएम मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के प्रमुख थे. या यूं कहे कि वे आर्थिक मोर्चे पर टीम मोदी के चाणक्य ही थे.

प्रधानमंत्री ने अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा, ‘बिबेक देबरॉय एक प्रखर विद्वान थे, जो अर्थशास्त्र, इतिहास, संस्कृति, राजनीति, अध्यात्म और अन्य विविध क्षेत्रों में पारंगत थे. उन्होंने अपने कार्यों के माध्यम से भारत के बौद्धिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी.’

जिस वक्त प्रधानमंत्री के चाणक्य बिबेक देबरॉय का निधन हुआ, उस समय वह दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती थे. ऐसे में चलिए आपको बताते हैं कि बिबेक देबरॉय कौन थे? और प्रधानमंत्री के सलाहकार परिषद में शामिल होने से पहले वो क्‍या काम करते थे?

जानिए कौन थे बिबेक देबरॉय 

बिबेक देबरॉय का जन्म 25 जनवरी, 1955 को मेघालय के शिलांग में हुआ था. उन्होंने नरेंद्रपुर के रामकृष्ण मिशन स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की. फिर कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज और फिर दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज से उच्च शिक्षा ग्रहण की. यही नहीं बिबेक देबरॉय पुणे के गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स के चांसलर भी रह चुके थे. उन्होंने कानूनी सुधारों पर वित्त मंत्रालय/यूएनडीपी परियोजना के निदेशक के तौर पर भी किया था.

PM मोदी के चाणक्य कैसे बने देबरॉय?

सत्ता में आने के बाद जब मोदी सरकार योजना आयोग के बदले नीति आयोग लेकर आई, तब देबरॉय को स्थायी सदस्य बनाया गया. उन्होंने साल 2015 से 2019 तक नीति आयोग के स्थायी सदस्य संभाली. फिर वह प्रधानमंत्री मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के वह चेयरमैन बने. अब उनका काम भारत के आर्थिक मामलों पर पीएम मोदी को सुझाव देना था. इसीलिए वह मोदी के ‘चाणक्य’ नाम से मशहूर थे.

मशहूर अर्थशास्त्री होने के साथ-साथ बिबेक देबरॉय एक लेखक भी थे. उन्‍होंने अपने जीवनकाल में कई किताबें लिखीं. बताया जाता है कि देबरॉय ने महाभारत से लेकर भगवत गीता, वेद और रामायण का अनुवाद भी किया है. साल, 2015 में देबरॉय को भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार- पद्म श्री से सम्मानित किया गया था.

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बिबेक देबरॉय के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने एक्स पर दुख जताते हुए लिखा, बिबेक देबरॉय के निधन से देश ने एक प्रख्यात बुद्धिजीवी को खो दिया है. जिन्होंने नीति निर्माण से लेकर हमारे महान ग्रंथों के अनुवाद तक, विविध क्षेत्रों को समृद्ध किया. भारत के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक परिदृश्य के बारे में उनकी समझ असाधारण थी. मैं उनके परिवार, मित्रों और प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं. राष्ट्रपति मुर्मू के अलावा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत कई बड़े नेताओं ने देबरॉय के निधन पर दुख जताया.

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