नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा हमेशा से पेट्रोल और डीजल को जीएसटी (GST) के दायरे में लाने की रही है और अब यह राज्यों पर निर्भर है कि वे एक साथ आकर रेट तय करें. उन्होंने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी कानून में शामिल करके पहले ही प्रावधान कर दिया है. अब बस राज्यों को एक साथ आकर इस पर चर्चा करनी है और टैक्स की दर तय करनी है.
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वहीँ, वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा ”पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा लाए गए जीएसटी का उद्देश्य पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाना था. अब यह राज्यों पर निर्भर है कि वे रेट तय करें. उनका का इरादा बहुत स्पष्ट था, हम चाहते हैं कि पेट्रोल और डीजल जीएसटी में आएं.”
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बता दें…जब 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू किया गया था, जिसमें एक दर्जन से अधिक सेंट्रल और स्टेट शुल्क शामिल थे, तो पांच वस्तुओं – क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस, पेट्रोल, डीजल और एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) को जीएसटी कानून में शामिल किया गया था, लेकिन यह निर्णय लिया गया कि बाद में इन पर जीएसटी के तहत टैक्स लगाया जाएगा.
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इसका मतलब यह हुआ कि केंद्र सरकार उन पर एक्साइज ड्यूटी लगाती रही, जबकि राज्य सरकारें वैट वसूलती रहीं. इन टैक्स, खास तौर पर एक्साइज ड्यूटी सहित, को समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है.