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मुश्किलों में घिरे पूर्व सीएम बघेल… CBI को मिली महादेव सट्टेबाज़ी एप की जांच

रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रहीं हैं। छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामले की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दी है। सीबीआई छत्तीसगढ़ पुलिस की 4 मार्च की एफआईआर के आधार पर जल्द ही मामला दर्ज करेगी।

इस मामले में महादेव ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के साथ भूपेश बघेल को भी आरोपी बनाया गया है। इसके अतिरिक्त, पिछले एक साल में राज्य के विभिन्न थानों में दर्ज करीब 70 अन्य एफआईआर भी सीबीआई को सौंपी जाएंगी।

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एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार को एफआईआर और प्रारंभिक मामले के दस्तावेज सीबीआई को सौंपे गए हैं। यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि सीबीआई बड़ी साजिशों की पहचान और उन लोगों की भूमिका की बेहतर जांच कर सकती है जिनके नाम राज्य पुलिस की जांच में सामने नहीं आए हैं। इसके अलावा, सीबीआई यूएई में मौजूद आरोपी सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल का प्रत्यर्पण भी कर सकती है।

सीबीआई ने राज्य एजेंसियों से जांच अपने हाथ में लेते हुए एक नया केस दर्ज किया है, जिसका मतलब है कि सीबीआई के केस में भी भूपेश बघेल का नाम आरोपी के तौर पर शामिल किया जा सकता है। 17 मार्च को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने महादेव ऐप मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत भूपेश बघेल को आरोपी बनाया है।

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EOW ने जुलाई में आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि महादेव ऐप की अवैध गतिविधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को रोकने के लिए प्रमोटरों ने विभिन्न अधिकारियों और राजनीतिक हस्तियों से संरक्षण प्राप्त किया।

ईडी ने इस मामले में पहले ही दो आरोपपत्र दाखिल किए हैं। एक आरोपपत्र चंद्राकर और उप्पल के खिलाफ है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि चंद्राकर ने फरवरी 2023 में यूएई के रास अल खैमाह में एक महंगी शादी का आयोजन किया था, जिसमें करीब 200 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। इस मामले में अपराध की अनुमानित आय करीब 6,000 करोड़ रुपये है, और अब तक 572.41 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।

अधिकारी ने कहा कि ईडी के निष्कर्षों के आधार पर राज्य पुलिस ने मामले में भूपेश बघेल के खिलाफ आरोप दर्ज किए थे, जिसमें कथित रूप से “प्रोटेक्शन मनी” के बदले महादेव ऐप की अवैध गतिविधियों की अनुमति देने का आरोप है।

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