चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय ने 24 वर्षीय एक युवती की हत्या के बाद उसके माता-पिता द्वारा दायर की गई मुआवजे की याचिका खारिज कर दी है। प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ एस स्वाति (24) की 2016 में यहां नुंगम्बाक्कम रेलवे स्टेशन के एक प्लेटफॉर्म पर हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद उसके पिता के. शांतनाकृष्णन और उनकी पत्नी ए. रंगनायगी ने रेलवे प्राधिकारियों पर लापहवाही बरतने का आरोप लगाते हुए अदालत में याचिका दायर करके अनुरोध किया था कि दक्षिण रेलवे को उन्हें तीन करोड़ रुपए मुआवजा दिए जाने का निर्देश दिया जाए।
न्यायमूर्ति आर सुब्रमण्यन ने नंवबर 2016 में दायर इस याचिका को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत दायर रिट याचिका पर मुआवजे के आदेश के लिए यह उचित मंच नहीं है। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यन ने दंपति को सलाह दी कि वह दीवानी अदालत में जाएं।
स्वाति के माता-पिता ने दावा किया कि उनकी बेटी की भीड़-भाड़ वाली जगह पर दिन दहाड़े हत्या कर दी गई थी। उनका दावा है कि यदि यात्रियों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) सहित रेलवे प्राधिकारियों ने मुस्तैदी से अपना काम किया होता, तो इस घटना को टाला जा सकता था।
याचिका में आरोप लगाया गया कि रेलवे प्राधिकारियों की लापरवाही के कारण हमलावर की उनकी बेटी की हत्या करने की हिम्मत हुई, इसलिए दक्षिण रेलवे को उन्हें मुआवजा देना चाहिए।
स्वाति की नुंगम्बाक्कम रेलवे स्टेशन पर हत्या कर दी गई थी और इस मामले के आरोपी ने बाद में जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी।