सरकार ने बदला नियम : अब सांसद शेयर नहीं कर सकेंगे संसदीय वेबसाइट का लॉग-इन पासवर्ड

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Government changed the rules: Now Parliament will not be able to share the login password of the parliamentary website.

नई दिल्ली : लोकसभा सचिवालय ने तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा से जुड़े विवाद के बाद संसद की वेबसाइट तक पहुंचने के नियमों में बदलाव किया है। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार, निजी कर्मचारी या कोई तीसरा पक्ष डिजिटल संसद वेबसाइट तक नहीं पहुंच सकता है और किसी सांसद की ओर से नोटिस नहीं दे सकता है या प्रश्न प्रस्तुत नहीं कर सकता है।

केवल सांसद ही अपने व्यक्तिगत लॉगिन विवरण का उपयोग करके साइट का उपयोग कर सकेंगे। सांसदों के पंजीकृत मोबाइल फोन पर एक ओटीपी (वन-टाइम पासवर्ड) आएगा और कोड दर्ज करने के बाद ही वे साइट तक पहुंच पाएंगे। लोकसभा सचिवालय ने डिजिटल संसद पोर्टल और ऐप्‍स से सांसदों के सचिवों और निजी सहायकों का एक्‍सेस डिसेबल कर दिया है।

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नियमों में बदलाव तब आया जब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई के पत्र का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि महुआ मोइत्रा ने संसद में सवाल पूछने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत ली। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने गुरुवार को संसदीय कार्यों पर एक सरकारी बुलेटिन का एक अंश साझा करके तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा पर ताजा हमला किया।

उन्होंने एक्स पोस्ट में कहा कि यह है लोकसभा का आदेश, जो साफ़ कहता है कि गोपनीयता का मतलब सूचना केवल और केवल सांसद तक सीमित रहे। क्योंकि सांसद जब प्रश्न पूछते हैं तो संसद शुरू होने के एक घंटा पहले उत्तर सांसद को मिलता है, इससे शेयर मार्केट,कम्पनी की स्थिति में उतार चढ़ाव,देश की सुरक्षा में सेंध, दूसरे देशों के साथ अपने सम्बन्धों पर समय से पहले जानकारी मिल जाने पर आर्थिक, सुरक्षा से खिलवाड़। आरोपी भ्रष्टाचारी सांसद को शायद हीरानंदानी जैसे PA ने यह पढ़कर नहीं बताया? चोरी व सीनाज़ोरी का उदाहरण।

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टीएमसी सांसद पर व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी को पैसे और उपहारों के बदले समर्पित ऑनलाइन पोर्टल पर सीधे संसद प्रश्न पोस्ट करने की अनुमति देने का आरोप है। यह मुद्दा सबसे पहले दुबे ने उठाया था और उन्होंने शिकायत दर्ज कर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इसकी जांच शुरू करने की मांग की थी। इसके बाद लोकसभा आचार समिति ने जांच शुरू कर दी, जिसने हाल ही में सांसद के रूप में मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की है।

जांच के बीच, हीरानंदानी ने मोइत्रा के लॉगिन विवरण का उपयोग करने पर सहमति व्यक्त की और इसे ‘निर्णय की एक पागल गलती और बेहद अफसोसजनक’ बताया। इस बीच, कृष्णानगर निर्वाचन क्षेत्र के सांसद ने दावा किया कि लॉगिन क्रेडेंशियल साझा करने के संबंध में कोई विनियमन नहीं है।

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