भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के लिये सरकार प्रतिबद्ध है। जनता के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए जरूरतमंदों तक शासकीय योजनाओं का लाभ पहुँचाने के लिए प्रदेश में गांव और वार्ड स्तर पर मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान चलाया जा रहा है।
यह अभियान 26 जनवरी 2025 तक जारी रहेगा। अभियान अंतर्गत जहाँ एक ओर योजनाओं से वंचित नागरिकों को चिन्हित कर उन्हें योजनाओं से जोड़ा जा रहा है, वहीं शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आमजन की समस्याओं का शिविर लगाकर निराकरण किया जा रहा है।
अभियान में अब तक 7 हजार से अधिक शिविर लगाए जा चुके हैं, जिनमें 3 लाख से अधिक आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है। आम नागरिकों तक सीधे पहुंचकर योजनाओं का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से सरकारी अमला जरूरतमंदों का सर्वेक्षण कर उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाना सुनिश्चित कर रहे हैं।
योजनाओं का लाभ और सेवाओं की सहज रूप से उपलब्धता
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पिछले एक वर्ष में सुशासन के प्रयासों से आमजन को शासन की योजनाओं और सेवाओं को सहज रूप से उपलब्ध कराने के लिये निरंतर कार्य किया जा रहा है। राजस्व संबंधी प्रकरणों के निराकरण के लिए राजस्व महाअभियान के तीन चरण चलाये गये, जिसमें अभियान का तीसरा चरण प्रदेश में अभी चल रहा है। इसमें लाखों की संख्या में राजस्व संबंधी लंबित आवेदनों का निराकरण कर आमजन को राहत दी गई।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गरीब परिवारों को गरीबी के कुचक्र से बाहर लाने के लिये अनेक योजनाएँ संचालित कर हर पात्र व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुँचाया जा रहा है। इसके लिए जरूरी है कि गरीब परिवारों को नागरिक सेवाओं की पहुंच के दायरे में लाया जाकर उनकी आर्थिक क्षमता बढ़ाई जाये। “सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और सबका प्रयास” वंचितों के जीवन में सुधार लाने की ठोस पहल की गई है, जिससे ज़रूरतमंदों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराकर उनके जीवन स्तर में सुधार लाया जा सके।
राज्य सरकार की गरीब हितैषी पहल
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में गरीब हितैषी पहल की गई, जिसके अंतर्गत इंदौर के हुकुमचंद मिल के 4 हजार 800 श्रमिक परिवारों की लंबित राशि 224 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। इसी तर्ज पर ग्वालियर सहित अन्य शहरों की बंद पड़ी मिल्स के प्रकरणों का भी श्रमिकों के हित में निर्णय लिये जा रहे हैं।
गरीबों को विपरीत परिस्थितियों में सहारा देने के लिए संबल-2.0 योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। योजना अंतर्गत 1 करोड़ 73 लाख से अधिक श्रमिकों का पंजीयन है और 40 हजार से अधिक श्रमिक परिवारों को 895 करोड़ रुपये से अधिक की अनुग्रह राशि उनके खातों में अंतरित की जा चुकी है।
इसी क्रम में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं में प्रतिमाह 55 लाख हितग्राहियों को 3 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि का अंतरण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में 36 लाख से अधिक परिवारों और प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में 8 लाख से अधिक परिवारों घर का सपना साकार किया गया है। पी.एम. स्वामित्व योजना में 24 लाख से अधिक लोगों को भू-अधिकार-पत्र उपलब्ध करवाये जा चुके है।
इस योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। पीएम स्वनिधि योजना में 11 लाख से अधिक हितग्राहियों को 10 से 50 हजार रूपये तक की ऋण सहायता उपलब्ध करवाकर उनके व्यवसाय को मजबूती प्रदान की गई है। राज्य सरकार ने दीपावली पर्व पर धनतेरस से देवउठनी ग्यारस तक शिल्पकार और छोटे व्यवसायियों को सामग्री बेचने पर कर से मुक्त रखा गया, जिससे वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा भी मिला।
योजनाओं की राशि सीधे हितग्राही के बैंक खाते में
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सबसे पहले देश में जनधन खाते खोले गए। इसका परिणाम यह हुआ कि गरीब कल्याण की योजनाओं की राशि सीधे हितग्राहियों के खातों में पहुंच रही है। गरीबों को न केवल न्याय मिले बल्कि उन तक न्याय पहुंच सके इसका प्रबंध भी सरकार ने किया है।