नयी दिल्ली: गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की यात्रा से भारत और यूरोपीय संघ के बीच व्यापक व्यापार समझौते के लिए चल रही बातचीत को गति मिलने की उम्मीद है। आर्थिक शोध संस्थान जीटीआरआई ने बुधवार को यह बात कही।
फ्रांस 27 देशों वाले यूरोपीय संघ (ईयू) का प्रमुख सदस्य है। भारत और यूरोपीय संघ ने आठ वर्षों से अधिक के अंतराल के बाद जून 2022 में लंबे समय से लंबित व्यापार और निवेश समझौते के लिए बातचीत बहाल की थी।
महत्वाकांक्षी मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए बातचीत, छह साल तक चली कई दौर की चर्चा के बाद 2013 में निलंबित कर दी गई थी।
मैक्रों 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे, जिसके बाद वह इस प्रतिष्ठित वार्षिक कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने वाले फ्रांस के छठे नेता बन जाएंगे। वे बृहस्पतिवार को जयपुर भी जाएंगे। वैश्विक व्यापार अनुसंधान पहल (जीटीआरआई) ने कहा कि इस यात्रा से रक्षा सहयोग से लेकर आर्थिक संबंधों और ऊर्जा सहयोग से लेकर अंतरिक्ष और परमाणु साझेदारी तक आपसी हित के विभिन्न क्षेत्रों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
इसने कहा कि चर्चाओं से संभवत? नए समझौतों का मार्ग प्रशस्त होगा और मौजूदा सहयोग गहरा होगा, जो भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की गतिशील और विकसित प्रकृति को प्रतिंिबबित करेगा। जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ह्लभारत के आठवें सबसे बड़े व्यापारिक भागीदार के रूप में फ्रांस का लक्ष्य व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करना है।
दोनों देश रिश्ते को और विस्तार देने के लिए भारत-ईयू एफटीए (मुक्त व्यापार समझौते) पर बातचीत कर रहे हैं। प्रस्तावित समझौते के लिए सातवें दौर की वार्ता यहां 19-23 फरवरी तक होगी। श्रीवास्तव ने कहा कि चर्चा में आतंकवाद विरोध, खुफिया जानकारी साझा करना और रक्षा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण जैसे मुद्दे शामिल हो सकते हैं।