नई दिल्ली : ट्विन टावर (Twin Towers) को लेकर स्वास्थ विभाग ने भी कमर कस ली है. स्वास्थ्य विभाग ने ट्विन टावर के सबसे पास के चार अस्पतालों को अलर्ट पर रखा है. साथ ही साथ मौके पर 6 एंबुलेंस मौजूद रहेंगी. खुद गौतम बुद्ध नगर के सीएमओ और नोएडा मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष कंट्रोल रूम में बैठकर निगरानी करेंगे.
गौतमबुध नगर के सीएमओ ने जानकारी दी है कि ट्विन टावर के सबसे पास के तीन अस्पतालों, जिनमें जेपी अस्पताल, फेलिक्स अस्पताल और यथार्थ अस्पताल को पूरे तरीके से अलर्ट पर रखा गया है और वहां के एक शख्स को कोऑर्डिनेशन टीम में रखा गया है.
ताकि अगर किसी तरीके की कोई परेशानी या दिक्कत आसपास के लोगों को हो तो तुरंत उन्हें उपचार मिल सके साथ ही उन्होंने सेक्टर 30 में बने जिला अस्पताल को भी इसी श्रेणी में रखा है. उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि ट्विन टावर ध्वस्तीकरण के दिन सुबह से ही 6 एंबुलेंस वहां मौजूद रहेंगी.
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ट्विन टावर गिराने को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है सबसे बड़ी बात है कि जब इसे गिराया जाएगा तो आसपास वातावरण में धूल का गुबार देखने को मिलेगा और तेज धमाका लोगों को डरा सकता है. इन्हीं को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर है.
ट्विन टावर को गिराने में कड़ाई से हो सुरक्षा मानकों का पालन : मुख्यमंत्री योगी
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावर को गिराने की प्रक्रिया में सुरक्षा मानकों का कड़ाई से अनुपालन करने के निर्देश दिए हैं.
ध्वस्तीकरण की तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि टावर ध्वस्त करने की पूरी प्रक्रिया में आस-पास के आवासीय परिसर में निवासरत लोगों की सुरक्षा हर हाल में सुनिश्चित की जाए, साथ ही पर्यावरणीय मानकों का भी ध्यान रखा जाए. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने डेढ़ दशक पुराने इस मामले के दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं.
ट्विन टावर के डेढ़ किमी दायरे में लगाई जाएंगी प्रदूषण मापने वाली मशीनें
वही जानकरी के मुताबिक दिल्ली से सटे नोएडा में ट्विन टॉवर्स को गिराने के बाद कितनी दूर तक, कितना ऊंचा और कितना घना धूल का गुबार वातावरण में फैलेगा, इसे मापने के लिए प्रदूषण विभाग ट्विन टावर के डेढ़ किलोमीटर रेडियस में अपनी प्रदूषण मापने की मशीनों को लगाएगा.
अभी शुरूआती तौर पर प्रदूषण विभाग ट्विन टावर के आसपास उठने वाले धूल के गुबार और कितने किलोमीटर तक इसका रेडियस रहेगा यह अनुमान लगा पाने में सक्षम नहीं है. हालांकि विशेषज्ञों के मुताबिक लगभग 2 किलोमीटर के रेडियस में इसका असर दिखाई देगा.
प्रदूषण से निपटने के इंतजाम पहले ही किए जा चुके हैं. उन्हें लेकर निर्देश जारी हो चुके हैं. प्राधिकरण भी इंतजाम कर रहा है. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि यूपी में पहली बार इतनी ऊंची इमारत का ध्वस्तीकरण हो रहा है. धूल कहां तक जमेगी और प्रदूषण का असर आसपास के इलाकों में कब तक रहेगा, इसके बारे में कुछ कह पाना मुश्किल है.
सब कुछ 28 अगस्त से पहले और उसी के दिन मौसम पर निर्भर करेगा. यदि हवा का बहाव तेज होगा तो 2 किलोमीटर से अधिक दायरे को प्रदूषण चपेट में ले लेगा और बारिश हो गई तो सब कुछ नियंत्रित हो जाएगा. बारिश नहीं होती है और हवा तेज चलती है तो धूल से वातावरण तेजी से प्रदूषित हो जाएगा.