ABVP 69th Convention : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को खुद को विद्यार्थी परिषद का ऑर्गेनिक प्रोडक्ट बताते हुए कहा कि युवाशक्ति किसी भी देश की रीढ़ की हड्डी होती है। वह दिल्ली के बुराड़ी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमने अपनी सांस्कृतिक विरासत को अपनाया है और दुनिया भर में इसका उचित श्रेय दिया है! मोदी जी ने संकल्प लिया है कि आने वाले 25 वर्षों में भारत विश्व गुरु बनेगा।
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शाह ने कहा कि विद्यार्थी परिषद ने अनेक मौकों पर संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि ज्ञान, शील, एकता के अपने मूलमंत्र को आत्मसात करते हुए, धैर्यपूर्वक एक पथ का निर्माण किया और देश के सामने, शिक्षा जगत के सामने एवं देश की सीमाओं के सामने जो भी चुनौतियां आईं, उस हर चुनौती के साथ विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने संघर्ष किया है। ये देश के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की 1949 से 2023 तक की यात्रा देश के विकास के साथ-साथ जुड़ी है। ढेर सारी चीजों में विद्यार्थी परिषद ने स्व जोड़ने का संघर्ष किया है। चाहे भाषा का आंदोलन हो, शिक्षा का आंदोलन हो, चाहे संस्कृति को बरकरार रखना हो। हर चीज में स्व का महत्व विद्यार्थी परिषद ने समाज को युवाओं के माध्यम से बताया है।
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शाह ने कहा कि अमृत महोत्सव और अमृतकाल का जो संकल्प नरेन्द्र मोदी जी ने देश के सामने रखा है, वो आपके लिए है। क्योंकि इसे देखने के लिए आप सभी होंगे। जब आजादी के 100 वर्ष पूरे हों, तब उस आजादी के लिए बलिदान देने वाली सभी हुतात्माओं की कल्पना का भारत बनाने की जिम्मेदारी विद्यार्थी परिषद जैसे संगठन की है, मेरे सामने जो विराट युवाशक्ति बैठी है उसकी है। उन्होंने कहा कि युवाशक्ति किसी भी देश की रीढ़ की हड्डी होती है और युवाशक्ति ही देश एवं समाज को शिखर पर ले जाने का काम करती है।
अमित शाह ने कहा कि भारत में ढेर सारे युवाओं ने युग परिवर्तन किया है। आपको तो रास्ता तलाशने की भी जरूरत नहीं है, 75 वर्षों में विद्यार्थी परिषद की पीढ़ियों ने ज्ञान, शील, एकता का जो रास्ता बनाकर रखा है, उसी रास्ते पर आपको चलना है। आपको सिर्फ संकल्प लेने की आवश्यकता है। भारत का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि हर समस्या के समाधान के लिए आज विश्व भारत की ओर आशा के साथ देख रहा है। आप सभी युवाओं की जिम्मेदारी है कि ये जो परिवर्तन आया है, इस परिवर्तन को सातत्यपूर्ण बनाते हुए हमारी कल्पना के भारत की रचना आपको करनी है।