America: पूरी दुनिया को तबाह करने में लगा, चांद पर परमाणु विस्फोट

Must Read

America: अमेरिका पूरी दुनिया पर लगाम लगा कर रखना चाहता है। अमेरिका संग नाटो और पूरा पश्चिमी देश अपने से उपर किसी भी देश को तरक्की करता नहीं देख सकते। अब रूस को ही ले लें जिसे तोड़ने के लिए अमेरिका इस वक्त यूक्रेन का पूरा फायदा उठा रहा है। पूरी दुनिया में अगर अमेरिका को कोई टक्कर दे सकता है तो वो है रूस। क्योंकि, रूस महाशक्तिशाली देश है। ऐसे में अमेरिका के लिए यह जंग काफी फायदेमंद है।

America:

क्योंकि, वह रूस पर कड़े प्रतिबंध लगा कर उसकी अर्थव्यवस्था को तोड़ रहा है जिसके रूस कमजोर हो रहा है। अब ये अमेरिका जो दुनिया पर लगाम लगा कर रखना चाहता है अब इसपर कौन लगाम लगाए। एक रिपोर्ट की माने तो, अमेरिका चांद पर परमाणु विस्फोट करना चाहता था।

America:

खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक, अमेरिका चांद पर परमाणु परीक्षण करना चाहता था। अमेरिकी सरकार के ए़डवांस्ड एयरोस्पेस थ्रेट आइडेंटिफिकेशन प्रोग्राम (AATIP) के दस्तावेजों से पता चलता है कि यह चंद्रमा पर एडवांस तकनीक का परीक्षण करने की योजना बना रहा था जिसमें विजिबिलिटी क्लोक्स, और एंटीग्रेविटी डिवाइस, ट्रैवर्सेबल वर्महोल्स और परमाणु विस्फोट करके चंद्रमा पर सुरंग बनाना शामिल था। हालांकि अब एएटीआईपी निष्क्रिय है और यह संस्था काम नहीं कर रही है।

America:

इसके साथ ही रिपोर्ट में बताया गया है कि, इसमें से किसी भी तकनीक को आगे नहीं बढ़ाया गया। भारत में सूचना के अधिकार (RTI) के समान सूचना की स्वतंत्रता अधिनियम के तहत वाइस ने इस दस्तावेजों को हासिल किया है जिसमें पूर्व सीनेटर हैरी को इसके लिए जिम्मेदार बताया गया है। द सन की रिपोर्ट के मुताबिक यह योजना कभी भी अमल में नहीं आई, लेकिन इसमें थर्मोन्यूक्लियर उपकरणों का उपयोग करके चांद की सतह के माध्यम से विस्फोट करना शामिल था। 1600-पेज वाले दस्तावेज में एएटीआईपी द्वारा की जा रही रिसर्च को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ। यह एक गुप्त संगठन था और इसके बारे में जानकारी तब सामने आई थी जब इसके पूर्व निदेशक ने पेंटागन से इस्तीफा दे दिया।

America:

चांद पर परमाणु अटैक की योजना बनाने वाली इस एजेंसी को अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी द्वारा वित्त पोषित किया गया था और अज्ञात उड़ान वस्तुणों (UFO) को लेकर कई बार चर्चा के केंद्र में भी रहा है। बता दें कि, अमेरिकी सरकार और नासा अपोलो मिशन बंद होने के लगभग आधी सदी बाद चांद की सतरह पर लौटने पर जोर दे रहे हैं। ऐसे में इस नए खुलासे को लेकर सवाल उठने लगा है।

- Advertisement -

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

spot_img

Ro 12338/134

spot_img

RO 12242/ 175

spot_img

More Articles