Arunachal Pradesh : अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने राज्य नें कृषि और बागवानी क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए दो महत्वकांक्षी योजनाओं की शुरूआत की है। जिसमें से पहली योजना कृषि क्षेत्र की है। इस योजना का नाम ‘आत्मनिर्भर कृषि योजना’ है। वहीं दूसरी योजना बागवानी के लिए है, इसका नाम ‘आत्मनिर्भर बागवानी योजना’ है।
बता दें कि यह योजनाएं बजट सत्र के दौरान घोषित किए गए आत्म निर्भर कार्यक्रम का हिस्सा है। दोनों ही योजनाओं के लिए कृषि और बागवानी विभागों को कुल 120 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गयी है। यानी की प्रत्येक योजना के लिए 60 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।
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बता दें कि कृषि विभाग के तहत पूर्व मुख्यमंत्री के सशक्त किसान योजना और मुख्यमंत्री सामूहिक योजना का संक्षिप्त संस्करण ‘आत्मनिर्भर कृषि योजना’ है। इसमें बैंक लोन का भी प्रावधान है। वहीं आत्म निर्भर बगवानी योजना भी बागवानी विभाग के तहत सीएम सशक्त किसान योजना नामक पूर्व योजना है।
इन योजनाओं की शुरूआत करते हुए सीएम ने प्रदेश भर के किसानों और स्वयं सहायता समूहों को इन दोनों ही योजनाओं का लाभ लेने के लिए जिला विभाग के कार्यालय से संपर्क के लिए कहा। इसके साथ ही सीएम ने योजनाओं के लिए उचित दिशानिर्देशों के साथ आने के लिए बागवानी विभागों और कृषि विभागों और बैंकों की सराहना की।
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यह दोनों योजनाएं बेहद अच्छी हैं। क्योंकि यह दोनों योजनाएं फ्रंट-एंडेड सब्सिडी पर आधारित हैं। इन योजनाओं के लिए अरुणाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक, क्रेडिट लिंक एसबीआई और अरुणाचल प्रदेश सहकारी एपेक्स बैंक द्वारा लाभार्थियों को प्रदान किया जाएगा। राज्य के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने बताया कि इन योजनाओं का लाभ उठाने वाले स्वयं सहायता समूहों के लिए भूमि अधिकार प्रमाण पत्र (एलपीसी) जैसे डॉक्यूमेंट्स की जरूरत नहीं होगी। एक साधारण प्रमाण पत्र के जरिए सीओ, ईएसी या बीडीओ से इस योजना का लाभ लिया जा सकता है।
आपको बता दें कि 1.60 लाख रुपये तक की व्यक्तिगत योजनाओं का लाभ लेने के लिए बैंक गारंटी की आवश्यकता नहीं होगी। SHG के लिए 10 लाख रुपए तक के लोन के लिए गारंटी की जरूरत नहीं होगी। सीएम खांडू ने कहा कि किसानों को सिर्फ 45% सरकारी सब्सिडी, 45% बैंक ऋण और केवल 10% किसान को वहन करना होगा। राज्य के लगभग 3700 स्वयं सहायता समूहों के लिए यह योजनाएं बहुत फायदेमंद होंगी। जिसमें महिला सदस्य बहुमत के रूप में हैं।
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सीएम ने कहा कि ऑफिशियल रिकॉर्ड के मुताबिक हमारे पास करीब 25 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि उपलब्ध है। लेकिन वर्तमान में हम 3.5 लाख हेक्टेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसलिए हम सभी को अपने राज्य के लिए आत्मनिर्भर बनने के लिए भूमि बैंक का सही तरीके से उपयोग करने की आवश्यकता है। कीवी, संतरा, सेब, सुपारी, अखरोट और ख़ुरमा जैसे फलों की खेती के लिए बागवानी योजना है। वहीं चाय और रबर, दोहरी फसल, कृषि मशीनीकरण, वैज्ञानिक भूमि सीढ़ी, एफपीओ, एक प्रकार का अनाज की खेती के लिए कृषि योजना है।