श्रीहरिकोटा: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 4 साल बाद एक बार फिर से पृथ्वी के इकलौते उपग्रह चांद पर चंद्रयान पहुंचाने के अपने तीसरे अभियान के लिए तैयार है और पूरे देश की नजरें उस पर टिकी हैं. इसरो का चांद पर यान को ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराने यानी सुरक्षित तरीके से यान उतारने का यह मिशन अगर सफल हो जाता है तो भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जो ऐसा कर पाने में सक्षम हुए हैं. देश के महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन के तहत चंद्रयान-3 को ‘फैट बॉय’ एलवीएम-एम4 रॉकेट ले जाएगा. आज दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इसे प्रक्षेपित किया जाएगा. सबकुछ ठीक रहा तो यह अगस्त के आखिर में चंद्रमा पर उतरेगा.
चंद्रयान-3 प्रक्षेपण अभियान का तीसरा चरण सफलतापूर्वक शुरू
अंतरिक्ष प्रक्षेपण अभियान का तीसरा चरण सफलतापूर्वक शुरू हो गया है. भारत के चंद्र अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपण से कुछ मिनट पहले, इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ को सांसें रोककर श्रीहरिकोटा में चंद्रयान-3 मिशन के प्रक्षेपण का निरीक्षण करते दिखे.
चंद्रयान-3 एक लैंडर, एक रोवर और एक प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैस है
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से मिशन चंद्रयान-3 लॉन्च किया. चंद्रयान-3 एक लैंडर, एक रोवर और एक प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैस है. इसका वजन करीब 3,900 किलोग्राम है.
ठीक 2 बजकर 35 मिनट पर लॉन्च हुआ इसरो का मिशन चंद्रयान-3
इसरो ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरीक्ष केंद्र से अपने मिशन-3 को आज दोपहर 2:35 बजे लॉन्च कर दिया.
चंद्रयान-3 मिशन का बजट फिल्म आदिपुरुष से कम?
चंद्रयान 3 के बजट की तुलना फिल्म आदिपुरुष से करने वाला एक हालिया ट्वीट इंटरनेट पर वायरल हो रहा है. रवि सुतंजनी नाम के ट्विटर यूजर ने ने भारत के महत्वाकांक्षी चंद्र अंतरिक्ष मिशन और बॉलीवुड फिल्म आदिपुरुष के बजट की तुलना की, जिसमें दिखाया गया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन कैसे चमत्कार कर सकता है, वह भी सीमित संसाधनों में.