नयी दिल्ली: दो महीने पहले एक हमले में मारे गए गैंगस्टर-नेता अतीक अहमद से जुड़े कुछ ‘‘जाने-माने’’ बिल्डर, चार्टर्ड अकाउंटेंट और अन्य लोगों के ठिकानों पर इस सप्ताह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई छापेमारी में संपत्तियों की बिक्री और खरीद से संबंधित दस्तावेज, 17.80 लाख रुपये नकद और कुछ अन्य सामग्री बरामद हुई है।
ईडी ने शनिवार को एक बयान में कहा कि 14 और 15 जून को प्रयागराज, लखनऊ और दिल्ली में 10 परिसरों पर छापे मारे गए।
इसने कहा कि ‘‘जाने माने’’ बिल्डर और चार्टर्ड अकाउंटेंट सहित अतीक अहमद के विभिन्न सहयोगियों से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की गई और इस दौरान 17.80 लाख रुपये नकद, संपत्तियों की बिक्री एवं खरीद से संबंधित दस्तावेज, कंपनियों के वित्तीय दस्तावेज, बैंक स्टेटमेंट, मोबाइल फोन और लैपटॉप जब्त किए गए।
एजेंसी ने कहा कि जब्त किए गए सबूतों का भौतिक और फॉरेंसिक विश्लेषण जारी है। माफिया से नेता बने अहमद और उसके सहयोगियों के खिलाफ धनशोधन का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी से जुड़ा है। उच्चतम न्यायालय ने अपहरण, जबरन वसूली और हमले के आरोपों की जांच का निर्देश दिया था, जिसके बाद सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी।
ईडी ने कहा, ‘‘अतीक अहमद एक हिस्ट्रीशीटर था और वह माफिया गिरोह चलाता था जो लंबे समय से गंभीर प्रकृति के विभिन्न अपराधों में शामिल रहा है। उसके खिलाफ विभिन्न थानों में हत्या, जबरन वसूली, जमीन हड़पने आदि से जुड़े अपराधों को लेकर लगभग 100 प्राथमिकी दर्ज की गई थीं।’’
इसने कहा, ‘‘जांच के दौरान यह पाया गया कि 1989 से आपराधिक गतिविधियों में शामिल होकर और सरकार एवं अन्य लोगों की भू-संपत्तियों को हड़पकर अतीक अहमद ने अपने एवं अपने परिवार के सदस्यों और अपने सहयोगियों तथा अन्य बेनामीदारों के नाम पर बड़ी संपत्ति एकत्र की।’’
ईडी ने इस मामले में पहली बार 12-13 अप्रैल को छापेमारी की थी, जिसमें 84.68 लाख रुपये नकद, 60 लाख रुपये की सोने की छड़ें, 2.85 करोड़ रुपये के सोने और हीरे के आभूषण, डिजिटल उपकरण और विभिन्न भौतिक दस्तावेज एवं रिकॉर्ड जब्त किए गए थे।
प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की तीन हमलावरों ने 15 अप्रैल को उस समय हत्या कर दी थी जब दोनों को पुलिस सुरक्षा के बीच चिकित्सा जांच के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था।