बिलासपुर, 18 मई 2023: राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्य अर्चना उपाध्याय एवं डॉ. अनिता रावटे ने आज प्रथना सभा कक्ष, जल संसाधन परिसर बिलासपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जनसुनवाई की। छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 175 वीं जन सुनवाई हुई। बिलासपुर की आज की जनसुनवाई में कुल 35 प्रकरण सुनवाई हेतु रखे गये थे।
आज की सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में अनावेदक बिरकोनी हाई स्कूल जिला मुंगेली तहसील पथरिया में जीव विज्ञान विषय के व्याख्यता के पद पर पदस्थ है। जिनका वेतन 57000 हजार प्रतिमाह है।
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अनावेदक ने 2006 को आवेदिका की मां को घर से निकाल दिया था। उस समय आवेदिका की उम्र 02 साल थी और उसे सिंकलिन की बीमारी थी और उस समय आवेदिका की मां बेराजगार थी। वह अपने माता-पिता पर आश्रित थी।
आवेदिका की पढ़ाई और स्वास्थ्य का सभी खर्च उसकी मां ने वहन किया आज आवेदिका की उम्र लगभग 20 वर्ष है। वर्तमान में बीबीए सेकेण्ड ईयर की स्टूडेन्ट है। उसे पढ़ाई लिखाई व इलाज के लिये आर्थिक कठिनाईयों सामना करना पड़ रहा है। इसलिए वह अपने पिता से सम्पति में अपना हक मांगने के लिए उपस्थित हुई है।
अनावेदक ने बाताया कि 2012 में परिवार न्यायालय में अपनी पहली पत्नी से विधिवत तलाक लिया है व उसके बाद दूसरा विवाह कर लिया है व उसके बाद दूसरा विवाह से भी उनकी दो बेटियां है। अनावेदक की 2011 में सरकारी नौकरी लगी है।
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अनावेदक एमएसी बायोलॉजी है उसके द्वारा वंश चलाने के नाम पर बेटा पैदा नहीं के आरोप पर पहली पत्नी को घर से निकाला था। और अब तक उनके द्वारा अपनी बेटी आवेदिका का नाम शासकीय अभिलेखों में अंकित नहीं कराया गया है। इस संबंध में कुछ पूछने पर उसके द्वारा स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया है।
बाद मे अनावेदक के पिता आवेदिका के दादा ने कहा कि समस्त कृषि भूमि की पर्ची में आवेदिका का नाम दर्ज करायेगें और अपने शासकीय अभिलेख में भी अपनी बेटी आवेदिका का नाम 01 माह के अन्दर दर्ज करायेंगे । अन्य 02 बेटियों का नाम भी दर्ज कराये चूकि तलाक पत्नी से होता है। बेटी से नहीं होता है। बेटी का पिता के जायजाद में बराबर का हक होता है।
वर्तमान में अनावेदक बेटी की पढ़ाई लिखाई का पूरा खर्च वहन नहीं कर रहा है। अतः अपना प्रस्ताव लेकर अगली सुनवाई में उपस्थित होगें प्रकरण 12 जून को रायपुर के लिए नियत किया जाता है।
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एक और प्रकरण में आवेदिका और अनावेदक एक ही स्कूल में कार्यरत है। अनावेदक स्कूल के प्रचार्य है व आवेदिका जो 01 वर्ष की परिवीक्षा अवधि में उन्हे मानसिक प्रताड़ना अनावेदक के द्वारा दिये जाने की शिकायत दर्ज की है।
दोनो पक्षों के द्वारा बताया गया कि विभागीय जांच की प्रक्रिया की जा चुकी है। अतः आज आवेदिका को निर्देश दिये गये कि आयोग में दिये गये आवेदन की प्रति अनावेदक को देवे। अनावेदक समस्त शिकायत का लिखित में उत्तर के साथ आगामी सुनवाई दिनांक 14 जून 2023 को रायपुर में उपस्थित होगें। इसके पश्चात् आवश्यकता पड़ने पर कलेक्टर को पत्र प्रेषित किया जा सकेगा।
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अन्य प्रकरण में आवेदिका ने इन सभी अनावेदक गणों के विरूद्ध अपने पति की चिकित्सकीय लापरवाही के वजह से मृत्यु होने के कारण प्रकरण आयोग के समक्ष प्रस्तुत की है। अनावेदकगणों ने बताया था कि मेडिकल काउंसिल कमेटी में जांच हो चुकी है पुलिस के द्वारा भी जांच किया जा चुका है।
किन्तु आज तक उसकी रिपोर्ट अनावेदकगणों के द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है इस स्तर में अनावेदकगणों ने बताया कि उक्त समस्त शिकायत की जांच की रिपोर्ट आयोग के द्वारा मंगाने पर ही मिल पायेगी।
सीएमएचओं बिलासपुर मेडिकल काउन्सील रायपुर व सिरगिट्टी थाना बिलासपुर के द्वारा पूरे प्रकरण की जांच की गई है व सभी अनावेदकगणों के विरूद्ध कोई शिकायत नहीं पायी गई थी और उसकी लिखित प्रमाणन आज तक अप्राप्त है।
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चूंकि इस मामले में आवेदिका के पति के मृत्यु चिकित्सकीय लापरवाही हेतु प्रकरण दर्ज किया गया है। अतः भविष्य में इसकी कोई पुनरावृत्ति न हो इसकी संतुष्टि करना आवश्यक है आज आवेदिक और अनावेदकगणों के द्वारा अपनी शपथ पत्र पत्र प्रस्तुत किया जाने के पूर्व प्रतिवेदन मंगाया जाना आवश्यक है। और इस अस्पताल के संचालक जो कि पेशे से चिकित्सक नहीं है।
लेकिन अस्पताल का संचालन कर रहें जो कि मरीजों के लिए सुरक्षित नहीं है अथवा नहीं इस बाबत् भी मेडिकल काउन्सील से रिपोर्ट मंगाया जााना उचित होगा तीनो संस्थाओं में आयोग को पत्र प्रेषित 01 माह के अन्दर प्रस्तुत करने पर ही प्रकरण अंतिम निराकरण किया जायेगा। रिपोर्ट मांगाने जाने के पश्चात् प्रकरण में अंतिम निर्णय लिया जायेगा।
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एक अन्य प्रकरण आवेदिका उपस्थित अनावेदक अनुउपस्थित पिछली सुनवाई में जांच टीम को निर्देशित किया गया था उनकी रिपोर्ट अस्पष्ट होने के कारण लौटाया गया पूरी रिपोर्ट सही तरीके से बना कर 10 दिवस के अन्दर आयोग को उपलब्ध करायेगें।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका उपस्थित उसने अनुरोध किया कि प्रकरण रिओपन किया जाये चूंकि प्रकरण में एफआईआर किया जा चुका है। इस लिए प्रकरण को आयोग से नस्तीबद्ध किया जाता है। एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि भरण पोषण का मामला न्यायालय में लंबित है। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।
अन्य प्रकरण में आवेदिका उपस्थित अनावेदक अनुपस्थित आवेदिका ने बताया कि आंतरिक परिवाद समिति में शिकायत में जांच लंबित है। ऐसी दशा में आवेदिका पहले आंतरिक परिवाद समिति में प्रकरण की सुनवाई स्पष्ट तरीके से करवाये सुनवाई नहीं किये जाने की दशा में स्पष्ट आवेदन अनावेदक के नाम पता मोबाईल नंबर सहित पुनः प्रस्तुत कर सकती है। अभी यह प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।
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एक प्रकरण में आवेदिका उपस्थित अनावेदक के पिता और उनकी बहन उपस्थित थी उनके द्वारा बताया गया कि आवेदिका की बेटी के साथ अनावेदक का विवाह शुन्य घोषित हो चुका है और कई तथ्य और दस्तावेज इनके पास है 12 जून को उभयपक्ष एकदूसरे समस्त सामान की सूची जिसमें गहने, सामान और आर्थिक राशि से संबंधित सूची के साथ रायपुर में उपस्थित हो जिससे एक-दूसरे वापस दिलाकर प्रकरण का निराकरण किया जा सके और प्रकरण की अंतिम निराकरण किया जा सके। आज सुबह केवल आवेदिका के उपस्थिति में जो नोटशीट लिखा गया था उसे अभी स्थगित किया जाता है।
अन्य प्रकरण आवेदिका उपस्थित अनावेदक अनुपस्थित आवेदक जिम्मेदार अधिवक्ता है व सूचना के बाद भी जानबूझकर अनुपस्थित है। सिविल लाईन थाना बिलासपुर सब इन्सपेक्टर सुरेन्द्र खरे आज उपस्थित है उनके द्वारा फोन में सूचना के बाद भी अनावेदक उपस्थित नहीं हुआ है। आंगामी सुनवाई 12 जून को सब इन्सपेक्टर सुरेन्द्र खरे अनावेदक को अपने साथ लेकर महिला आयोग में उपस्थित सहो ताकि आयोक में सुनवाई की जा सके।
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अन्य प्रकरण में आवेदिका उपस्थित अनावेदक अनुपस्थित पिछली सुनवाई में टीम का गठन किया गया था और मौके पर आवेदिका के सम्पति के विवाद का निराकरण कर दिया गया जिससे आवदिका संतुष्ट है। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।
अन्य प्रकरण में आवेदिका अनुपस्थित अनावेदक उपस्थित आवेदिका लगातार 03 बार अनुपस्थित अनावेदक के द्वारा बताया गया कि लगभग 18 माह पूर्व अनावेदक के विरूद्ध 498 ए का रिपोर्ट दर्ज है। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।
आवेदक उपस्थित अनावेदक जेल प्रशासन आवेदिका अपने पति को जेल से दूसरे जिले में स्थातान्तरण करने हेतु आवेदन किया है। अतः आयोग क्षेत्राधिकार में नहीं होने के कारण प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।