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CG Assembly Elections 2023: केशकाल के बाद आरंग में सियासी भिड़ंत, पैराशूट प्रत्याशी को लेकर भड़के कार्यकर्ता और समर्थक पहुंचे प्रदेश कार्यालय…

रायपुर: केशकाल विधानसभा में विवादास्पद चेहरे को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से लगातार यह चर्चा उठ रही है कि भारतीए जनता पार्टी ने संभवतः पिछले विधानसभा चुनाव से अभी तक सबक नहीं लिया है। पिछली बार विधानसभा चुनाव 2018 से पहले भाजपा संगठन के पास आंतरिक और बाहरी सर्वे मिलाकर निश्चित हो चुका था कि प्रदेश की जनता और भाजपा का कार्यकर्ता पार्टी से नाराज़ है।

लेकिन जो बात प्रमुखता से सामने आयी थी कि जनता और कार्यकताओं की नाराज़गी भाजपा पार्टी से नहीं थी बल्कि पूर्व मंत्रियों और विधायकों के अंहकार और उनके व्यवहार को लेकर जबरदस्त आक्रोश था। साथ ही पूरे प्रदेश के कार्यकताओं ने प्रमुखता से यह मांग प्रदेश संगठन और केन्द्रीय नेतृत्व के सामने रखी भी थी कि पूर्व मंत्रियों को टिकट ना दिया जाए। लेकिन केन्द्रीय नेतृत्व ने प्रदेश भाजपा छत्तीसगढ़ की अनुशंसा पर वही पुराने चेहरों को प्रत्याशी बना दिया था। वास्तविक रूप से देखा जाए तो पार्टी से यहीं पर चूक हुई थी, जिससे की भाजपा पूरी तरह से फेल हो गई थी और मात्र 14 सीटों में सिमटकर रह गई थी।

जबकि विरोधी दल कांग्रेस ने एकतरफा जीत दर्ज करते हुए 70 सीटें हासिल करने में कामयाब हुई थी। वहीं अब वर्तमान यानि वर्ष 2023 में फिर से विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, कई सर्वे और संगठन की रिपोर्ट में फिर से वही पिछली बार की ही तरह बातें सामने आई हैं कि पूर्व मंत्रियों और विधायकों से जनता और पार्टी के कार्यकर्ता बेहद नाराज़ हैं और वही पुरानी मांग और जनता की हवा पुराने मंत्रियों और वरिष्ठ चेहरों को टिकट ना दी जाये। नहीं तो कार्यकता समर्पित भाव से चुनाव में कार्य नहीं करेगा और साथ ही जनता भी यही चाहतीं हैं कि नये चेहरों पर अगर भाजपा विधानसभा चुनाव में दांव लगाती है तो निश्चित रूप से भाजपा मजबूत स्थिती में वापसी कर सकती है।

यही वजह है कि छत्तीसगढ़ की सत्तारूढ़ दल कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी संगठन चिंता ग्रस्त दिखाई दे रही है। अब यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि क्या भाजपा 2018 की गलती से सबक लेकर 2023 में सरकार बनाने हेतु नये प्रयोग के साथ मैदान में उतरेगी या एक बार फिर से वही पुराने चेहरों पर विश्वास जताती है? क्योंकि प्रदेश संगठन फिर से अपनी गलतियों को दोहराता दिखाई दे रहा है। जिसका दूसरा प्रत्यक्ष प्रमाण भी सामने आ चुका है आरंग विधानसभा के प्रत्याशी चयन को लेकर।

ज्ञात हो कि भाजपा प्रदेश कार्यालय में आरंग विधानसभा में संभावित प्रत्याशियों के नाम को लेकर, जो खबरें मीडिया में वायरल हुई थी, जिसमें आरंग विधानसभा से प्रत्याशी के रूप में हाल ही में भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश किए गुरू बालक दास के पुत्र खुशवंत दास को प्रत्याशी के रूप में दिखा दिया गया, जिसके पश्चात आरंग विधानसभा के भाजपा पदाधिकारी, कार्यकर्ता तथा सदस्यों में आक्रोश व्याप्त हो गया था।

इसी के चलते काफी बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और समर्थक कुशाभाव ठाकरे प्रदेश कार्यालय भारतीय जनता पार्टी में पहुंचकर अपनी बात रखें कि जो क्षेत्रीय पदाधिकारी कई वर्षों से भारतीय जनता पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं उनमें से ही किसी को भी प्रत्याशी के रूप में चयन किया जाना चाहिए। हाल ही में पार्टी में प्रवेश किए किसी व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया जाएगा तो निश्चित रूप से भाजपा को इसका बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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