CG Legislative Assembly: विपक्ष ने करोड़ों के घोटाले का लगाया आरोप, विधानसभा की कमेटी से जांच की मांग पर अड़ा

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रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में राशन दुकानों में अतिशेष आवंटन के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक के बीच सदन की कार्यवाही को दो बार स्थगित करनी बड़ी। पहली बार 5 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा, लेकिन सदन का हंगामा नहीं थमा तो कार्रवाई को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। । पीडीएस घोटाले का आरोप लगाकर मामले में विपक्ष ने विधानसभा की कमेटी से जांच की मांग की। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राशन दुकानों में अतिशेष आवंटन का मुद्दा उठाया। रमन सिंह ने पूछा कि अति शेष स्टॉक के संबंध में क्या विभाग ने कोई नियम बनाया है क्या?

जवाब में मंत्री अमरजीत सिंह ने कहा कि ये प्रश्न उद्भूत नहीं होता है, आपने जो फार्मूला बनाया है उसी के अनुसार काम किया जाता है । रमन सिंह ने कहा कि अति शेष स्टॉक को लेकर खाद्य विभाग और जिला विभाग के आंकड़ों में अंतर है, 59 लाख मीट्रिक टन चावल गायब है। इसकी जांच होगी तो बड़ा घोटाला सामने आयेगा। इस मामले में अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक की संलिप्तता है। इसलिए इसकी जांच कोई अधिकारी नहीं कर सकता। विधानसभा की कमेटी से इसकी जांच होनी चाहिये। रमन सिंह ने कहा कि एक समय छत्तीसगढ़ का पीडीएस पूरे देश में सबसे अच्छा कहा जाता था, लेकिन आज उसकी स्थिति क्या हो गयी है?

रमन सिंह और भाजपा सदस्यों ने आरोप लगाया कि 500 करोड़ का विपक्ष 600 करोड़ रुपये के घोटाले का लगा रही है आरोप, संसदीय कमिटी से जांच की कर रहे है मांग, अधिकारियों से जांच नही करने की कही बात क्योंकि अधिकारी खुद संलिप्त हैं। पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने उठाया राशन दुकानों द्वारा अनाज शक्कर आबंटन का मामला…

रमन सिंह ने कहा, खाद्य विभाग का डाटा बेस और जिले के डाटा बेस में काफी अंतर है। 68 हजार मिट्रिक टन अतिशेष चावल स्टॉक में है…68 हजार 230 टन चावल गायब। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा, जितने बोगस राशनकार्ड बनते थे, आपके समय होता था। आपके फार्मूले से ही हम वितरण कर रहें है। हमने 13,392 राशन दुकानों का वेरिफिकेशन किया। वेरिफिकेशन के बाद 4952 दुकानों में करीब 41 हजार टन की गड़बड़ियां पाईं गई हैं। अब तक 13 प्रकरणों में एफआईआर की गई। 161 दुकान निलंबित किए गए। 140 दुकान निरस्त किए गए।

रमन सिंह ने 500 से 600 करोड़ का घोटाला का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नियम कहता है कि अतिशेष है, तो खाद्य निरीक्षक उसकी जांच कराकर उसका डाटा दुरुस्त करे। अधिकारी इसमें संलिप्त है। इसलिए विधानसभा की समिति से इसकी जांच की जाये

खाद्य मंत्री ने कहा -96 प्रतिशत लोगों को बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण के आधार पर अनाज का वितरण किया जा रहा है… कुछ दुकानों में ओवर स्टॉक है, उसे दुरुस्त किया जा रहा है…। ये सिस्टम बीजेपी के कार्यकाल है…इस पर बीजेपी विधायकों ने आपत्ति करते हुए हंगामा किया…। नेता प्रतिपक्ष ने कहा, सदन की कमेटी से जांच की जाए।

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