बालोद ब्यूरो चीफ ढालेंद्र कुमार
बालोद (CG News )। 20 से ज्यादा हाथियों का दल आसपास के जंगलों में विचरण करते हुए लगातार तांदुला डुबान क्षेत्र, तालगांव और रानी माई मंदिर इलाके में है। इधर शुक्रवार की शाम 7:30 बजे हाथियों का दल रानी माई मंदिर से ताल गांव के बीच आ पहुंचा और झलमला बालोद जाने वाले इस मुख्य मार्ग के आसपास के जंगलों में डेरा जमा लिया।
वन विभाग लगातार हाथियों की निगरानी करते उनके आगे पीछे घूमता रहा। लेकिन कभी भी हाथी सड़क पार कर सकते हैं और आने जाने वाले लोगों पर इससे हमले का खतरा है। जिसे भांपते हुए वन विभाग ने शाम होते ही झलमला रानी माई मंदिर मुख्य मार्ग और रानी माई मंदिर से नर्रा मार्ग को बंद करवा दिया। हालांकि लोगों को होने वाली असुविधा से बचने के लिए कुछ रूट को डायवर्ट किया गया है।
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शाम को बारिश भी हो रही थी। इससे विभाग को निगरानी में भी परेशानी हुई। तो रूट डायवर्ट होने से घर लौट रहे लोगों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ा है। पर हाथी से बचने के लिए यह जरूरी था। रानी माई मंदिर से बालोद आने का मुख्य मार्ग भी है। इससे बालोद रूट भी प्रभावित हो रहा है। हालांकि विगत दो-तीन दिन से हाथियों का दल इस इलाके में है।
इस दौरान मकान, फसल, जनहानि नहीं हुई है लेकिन खतरा बरकरार है। अलर्ट ग्राम के तहत नर्रा, धरमपुरा, तालगांव, नहर डेरा, सेमर कोना, अंधिया टोला, साल्हे टोला, मटिया, देवार भाट, गस्तीटोला को शामिल किया गया है।