रायपुर. छत्तीसगढ़ के इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय में इन दिनों कुलपति की नियुक्ति को लेकर गवर्नमेंट वर्सेस गवर्नर चल रहा है। इसी बीच अब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह भी सियासी घमासान में कूद पड़े हैं।
दरअसल कुलपति की नियुक्ति को लेकर एक तरफ छत्तीसगढ़ शासन जहां स्थानीय कुलपति की नियुक्ति के लिए बातें कह रही है। साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा था कि, मैडम सब करें केवल राजनीति ना करें।
वहीं दूसरी तरफ से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार के ऊपर हमला बोल दिया है। बीते दिनों उन्होंने मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए एक बयान दिया है।
रमन ने कहा कि,प्रदेश के सभी वर्गों को समुचित प्रतिनिधित्व मिले, इससे छत्तीसगढ़ियावाद मज़बूत होगा। न कि जैसा सीएम बघेल चाहते हैं। उस तरह केवल उनके चुनिंदे लोगों को महत्वपूर्ण स्थान पर बिठा कर।हाल के घटनाक्रमों से साफ़ ऐसा लग रहा है कि किसी अपने आप या रिश्तेदारों को कुलपति बनाने मुख्यमंत्री ऐसा प्रपंच रच रहे हैं। संघीय ढांचा में इस तरह का विवाद पैदा करना निहायत ही अनुचित है। राज्यपाल के पद को इस तरह कांग्रेस द्वारा लांछित करना कहीं से भी उचित नहीं कहा जा सकता है।
छतीसगढ़ के लोगों में प्रतिभा की कमी नहीं है। यही कारण है कि अभी 14 विश्वविद्यालयों में 9 कुलपति स्थानीय ही हैं। सभी ने अपनी प्रतिभा से अपना स्थान बनाया है। अच्छा होता कि कांग्रेस सरकार राज्य सभा सांसद के रूप केटीस तुलसी, जो कभी छतीसगढ़ आते भी नहीं के बदले किसी स्थानीय व्यक्ति को राज्य सभा भेजती।
सीएम बघेल को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कांग्रेस आगे तुलसी जैसी ग़लती न दुहराते हुए जब भी अवसर आये, तब राज्यसभा के लिए राज्य के स्थानीय निवासी को प्राथमिकता देंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह गांधी परिवार के वफ़ादारों को छत्तीसगढियों का हक़ छीन कर देना निहायत ही अनुचित है।
राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू
नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने सीएम के बयान पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस इस तरह से राज्य के प्रमुख संस्थानों को बदनाम करने की लगातार कोशिश कर रही है। वहीं, कांग्रेस के राज्य संचार प्रकोष्ठ के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा को आईजीकेवी फैकल्टी प्रतिनिधिमंडल द्वारा की गई स्थानीय व्यक्ति को वीसी नियुक्त करने की मांग पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।