कोरिया/बैकुंठपुर: कोरिया जिले में वैसे तो भ्रष्टाचार हर विभाग में सर चढ़कर बोल रहा है इन भ्रष्टाचारियों के खिलाफ जिला प्रशासन कोरिया आज तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर पाई है जिससे इनके हौसले बुलंद हैं पूरे कोरिया जिले में मनरेगा की स्थिति दयनीय है वही जनपद पंचायत बैकुंठपुर मैं मनरेगा के कार्यों में फर्जीवाड़ा अपने पूरे शबाब पर है वजह यह कि जनपद पंचायत बैकुंठपुर में सबका अपना प्रतिशत बना हुआ है इस कारण मनरेगा के कार्यों में गुणवत्ता की बात करना बेईमानी होगी वहीं जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी भ्रष्टाचार अपने चरम पर है ऐसे ही मामले में ग्राम पंचायत भंडारपारा के घूझरिया में ढालदार पथरीली जमीन पर मनरेगा से डबरी तालाब का निर्माण चल रहा है। सख्त जमीन व पत्थर होने के कारण खुदाई के लिए जेसीबी मशीन का इस्तेमाल किया गया है।
हालांकि शिकायत सामने आते ही सरपंच ने मशीन से चल रहे कार्य को रुकवा दिया। ग्रामीणों के अनुसार यहां मस्टररोल में फर्जी हाजिरी भरकर गड़बड़ी किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि तालाब निर्माण के लिए यह स्थल सही नहीं है। ढाल में जलभराव होने से नीचे के खेतों को नुकसान हो सकता है। बारिश में तालाब बहने का खतरा रहेगा। बताया जा रहा है कि डबरी का कार्य बृजलाल के नाम पर है। इसी तरह भंडारपारा के डूमरबहरा में हितग्राही लोलस पिता बच्चू के नाम पर स्वीकृत डबरी में भी जमकर गड़बड़ी हुई है।
मस्टररोल में फर्जी हाजिरी भरे जाने के साथ ही पेचिंग में बोल्डर का इस्तेमाल नहीं किया गया है। खुदाई से निकले पत्थर से पेचिंग किया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि मस्टर रोल घर में रहता है जबकि नियमानुसार साइट पर मस्टर रोल होना चाहिए। ग्रामीणों ने बताया कि चोरया घटान में स्टॉप डैम के पास मिट्टी सफाई और सीढ़ी निर्माण का कार्य मनरेगा से करवाया जा रहा है। ग्रामीण मजदूर कार्य करने के लिए मौके पर नहीं जा रहे हैं। मस्टर रोल में फर्जी हाजिरी भरकर गड़बड़ी की जा रही है। स्टॉप डैम के पास सफाई के लिए जल संसाधन विभाग से कार्य की स्वीकृति मिली हुई है।
इसमें ठेकेदार मनरेगा की जगह निजी मजदूरों से निर्माण कार्य करवा रहा है। जबकि रोज मनरेगा में 20 से अधिक श्रमिकों की एंट्री की जा रही है। मामले में लोकपाल मनरेगा लोकपाल मलखान सिंह का कहना है कि मनरेगा के तहत चल रहे निर्माण कार्यों में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शिकायत सामने आने पर रिकवरी के साथ ही विभागीय कार्रवाई होगी। मामले में मनरेगा अफसरों ने कहा कि विभागीय टीम मंगलवार को मामले की जांच करेगी।
गौरतलब है कि महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत पूरे क्षेत्र की ग्राम पंचायतों मे करोड़ों रुपए के विभिन्न कार्य कराए जा रहे हैं, लेकिन कार्यों के सही निरीक्षण और मूल्यांकन नहीं होने से भारी गड़बड़ी व अनियमितता की शिकायतें आ रहीं। ग्रामीणों के अनुसार कई जगहों पर फर्जी तरीके से मस्टररोल बनाए जा रहे हैं तो अधिकांश जगह मनरेगा मजदूर से अन्य निर्माण के कार्य भी करवाए जा रहे हैं। मनरेगा में कराए जा रहे कार्यों का मूल्यांकन सही तरीके से नहीं किया जा रहा है। वहीं स्टॉपडैम का निर्माण मनरेगा अंतर्गत ठेकेदारी प्रथा से कराया जा रहा है, जो घटिया स्तर का बन रहा।
पंचायतों में जाकर देखने से पता चलता है कि मनरेगा के तहत चल रहे डबरी, तालाब निर्माण में जमकर गड़बडिय़ां हो रही हैं। खर्च अधिक बताकर कम गहरीकरण करवाया जाता है। सलका सलबा से मनसुख के बीच ही कई तालाबों की गहराई 2 से 3 फीट भी नहीं हो पाई है। सलका के कुछ तालाब तो ऐसे हैं जिनके नाम से तीन बार रुपए निकल गए लेकिन तालाब आज भी जस की तस स्थिति में है। सलका के भंडारपारा में मनरेगा के तहत पांच निर्माण कार्य चल रहे हैं सभी में फर्जी मस्टर रोल की शिकायत है। ग्रामीणों ने मांग की है कि जिला प्रशासन मनरेगा के फर्जीवाड़े को रोकने जांच दल बनाएं। इस फर्जीवाड़े के दोषी रोजगार सहायक, सरपंच से लेकर जिम्मेदार अधिकारियों को बर्खास्त कर दुरुपयोग किए गए राशि की वसूली करना चाहिए तब कहीं जाकर काम में गुणवत्ता नजर आएगी।