Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा इन दिनों फिर से चर्चाओं में बने हुए है। बस्तर के लोकप्रिय नेता होने की वजह से जिले में आदिवासी परंपरा, संस्कृति और सभ्यता का संचालन करते हुए ग्रामीण अंचलों में होने वाले मंडई मेले के साथ-साथ मंदिर के पूजा-पाठ में अपने मौजूदगी दर्ज कराते हैं। मंगलवार को भी कवासी लखमा अपने विधानसभा क्षेत्र कोंटा के दोरनापाल गांव में मौजूद प्रसिद्ध शीतला माता मंदिर में आयोजित तीन दिवसीय मंडई मेले में शामिल हुए।
Chhattisgarh:
इस मेले को धूमधाम से मनाने के लिए आदिवासी परंपरा और रीति-रिवाज के तहत देवी से अनुमति ली। इस दौरान खुद कवासी लखमा पर देवी सवार हो गई, जिसके बाद बस्तरिया मोहरी बाजा में थिरकते हुए नजर आए और खुद को कोड़े भी मारे। इसके बाद इस तीन दिवसीय मेले को मनाने की अनुमति माता से मिली। जानकारी के मुताबिक दोरनापाल के शीतला माता मंदिर में मंगलवार से तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जा रहा है और हर साल की तरह इस साल भी कवासी लखमा अपने विधानसभा क्षेत्र में होने वाले इस मंडई मेले में शामिल हुए थे।