रायपुर : रायपुर के शंकर नगर स्थित बीटीआई ग्राउंड में छत्तीसगढ़ साहित्य महोत्सव एवं २० वे राष्ट्रीय किताब मेला के आयोजन के अंतर्गत डॉ. कल्पना मिश्रा की पुस्तक शतक का विमोचन किया गया। छत्तीसगढ़ साहित्य महोत्सव के इस गरिमामयी कार्यक्रम के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में गिरीश पंकज, डॉ चितरंजन कर, श्रद्धा थवाईत, एवम अध्यक्षा डॉ सत्यभामा आडिल, प्रमुख रूप से उपस्थित रहे एवं अपने उदबोधन से सभी को अभिभूत किया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ सत्यभामा आडिल ने कहा कि कल्पना ने अपनी कविताओं में जीवन का संघर्ष, प्रेम का सौंदर्य और विविध बिंब प्रतिबिंब चित्रित किए हैं जो अनुभूति की तीव्रता से उपजे हैं।
गिरीश पंकज जी ने बताया कि शतक डॉ. कल्पना मिश्रा जी की 100 कविताओं का संग्रह है। गिरीश पंकज ने बताया कि श्रद्धा थवाईत की कहानियाँ तथा कल्पना मिश्रा की कविताओं में एक अलग प्रभाव है ये ना सिर्फ स्त्री विमर्श पर लिखती है, अपितु छत्तीसगढ़ के बूढ़ातालाब से लेकर लंदन की टेम्स नदी के ऊपर लिख रही है जो अत्यंत सराहनीय है। कल्पना जी ने कविताओं में प्रकृति चित्रण जनसामान्य की घटनाओं की भावनाओं पर अपनी लेखनी चलाने का सुंदर प्रयास किया गया है, तथा उनकी कविताओं में कृष्ण के प्रति प्रेमभाव भी स्पष्ट रूप से दिखायी देता है। कल्पना मिश्राजी की कविताओं में प्रेम है, अनुराग है, अनुनय है अर्थात् वर्तमान समय की मीरा के समान कार्य कर रही है तथा भविष्य में शतक को हजार कविताओं में परिणत करने का आर्शीवाद प्रदान किया।
यह भी पढ़ें :-मुख्यमंत्री ने प्रसिद्ध शायर हाजी हसन अली ‘हसन’ को उनकी पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि
श्रद्धा थवाईत ने शतक कविता के बारे में बताया कि एक व्यक्ति के जीवन में समाहित संपूर्ण परिस्थिति तथा भावनाओं को एक सूत्र में बांधने का प्रयास शतक में किया गया है।
डॉ चितरंजन कर ने बताया कि सरल कविता लिखना आसान नही है जैसे कि सरल रेखा खीचना कठिन है। उसी तरह से काव्य के लिए भी पूरी तन्मयता की आवश्यकता है जो कल्पना जी में कूट कूटकर भरी हुई है।
आयोजन समिति की सदस्य शमीना खान ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस पुस्तक को अवश्य पढें इसमें बहुत अच्छी कविताओं का संग्रह है। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. सुषमा मिश्रा के द्वारा किया गया। माया मिश्रा, जगदीश मिश्रा , नमित मिश्रा, नीरज मिश्रा,आशीष तिवारी ने स्वागत किया। तथा इस अवसर पर विभिन्न महाविद्यालयों के प्राध्यापकगण डॉ श्रद्धा गिरोलकर, डॉ प्रीति शर्मा , डॉ प्रीति कंसारा , डॉ अनिता दीक्षित, डॉ रागिनी पांडे, डॉ रितु मारवाह, डॉ सत्येंद्र तिवारी, डॉ सतीश देशपांडे, डॉ आरती उपाध्याय व विभिन्न स्थानों से आए बुद्धिजीवी, विद्वतजन एवम् शोधार्थी सीमा हेमलता चिंकी रिंकी लता बेनु अंजली उपस्थित रहे।