जिले में लंबे समय से बंद पड़े रेत खदानो को पुनः शुरू कर दिया गया है खदान खुलने के बाद रेत की किल्लत से जुझ रहे लोगों को राहत तो मिली है। पर इससे अधिक राहत उन लोगों को मिली है जो वैध रेत खदानों के आड़ में अवैध खदान बनाकर नदी से रेत निकलवाकर उसकी कालाबाजारी कर रहे हैं।
खनिज विभाग से अवैध रेत भंडारण के उठाव का रॉयलटी पर्ची लेकर उसमें नदी से रेत का अवैध खनन करवा रहे हैं। विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अवैध रेत भंडारण के उठाव के लिए सीमित पर्ची जारी किए हैं उन्ही पर्चियों का किस तरह दुरुपयोग किया जा रहा है ये आप भी देखिए।
वहीं दर्री क्षेत्र के तेलसरा घाट को भी स्वीकृति मिली है इसके बावजूद सुमेधा, कुमग़री, और ढिंढोल भांठा पंचायत के ग्राम छिरहुट से होकर गुजरी अहिरन नदी के विभिन्न क्षेत्रों में दीनदहाड़े अवैध घाट खोलकर रेत की कालाबाजारी कर रहे लोगों पर विभाग किसी तरह की कार्यवाई नही कर रहा।
अवैध रूप से संचालित
यहाँ हद तो तब हो गई जब रेत भंडारण को हटाने वाले पर्ची से नदी से रेत उत्खनन कराया जा रहा है। ट्रैक्टर चालक कहते हैं जहाँ से रेत लेकर जा रहे हैं वह वैध घाट नही है इसी तीन चार लोग मिलकर अवैध रूप से संचालित कर रहे हैं।
चालक तो ये भी बता रहे हैं कि दर्री तहसीलदार के भाई साहब इस अवैध कार्य मे संलिप्त हैं। कुछ राजनीतिक पार्टी से जुड़े लोग भी बेख़ौफ़ होकर इस कार्य को अंजाम देकर रोजाना 40-50 ट्रैक्टर रेत निकालकर शहरी- उपनगरीय क्षेत्र में सप्लाई कर खपाए जाते हैं।
अवैध रेत भंडारण के उठाव के लिए जारी पर्ची को खनन की रॉयलटी पर्ची बताकर 1000 रुपये लिया जाता है इसके बाद नदी में बनाये गए अवैध घाट से रेत निकालकर खपाने ले जाते हैं इस दौरान रास्ते मे पुलिस या प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी ट्रैक्टर को जांच के लिए रोकते हैं तो चालक भंडारण से उठाव किये जाने का पर्ची दिखाकर बच निकलते हैं।
नदी में रेत का अवैध उत्खनन का खेल
जानकारी के अनुसार अवैध भंडारण के लिए सीमित रॉयल्टी पर्ची से नदी में रेत का अवैध उत्खनन का खेल अधिकारियों के संरक्षण में खेला जा रहा है यही वजह है कि यहाँ सुमेधा, कुमग़री, छिरहुट में कार्यवाई के लिए विभागीय अधिकारी नही पहुंचते।
इस संबंध में खनिज विभाग के अधिकारी एस एस नाग का कहना है कि कुछ दिन पूर्व अवैध रेत भंडारण का प्रकरण बनाया गया था जिसको हटाने के लिए सीमित मात्रा में पर्ची जारी की गई थी उस पर्ची का खनन के लिए उपयोग कर रहे हैं तो उस पर कार्यवाई की जाएगी।
इस मामले में दर्री तहसीलदार सोनू अग्रवाल ने बताया कि अवैध रेत परिवहन को लेकर बीते दो माह में जितनी कार्यवाई उनके द्वारा की गई है उतना तो माइनिंग और पुलिस ने भी नही किया है।