Chhattisgarh: 5 दिनों से बाघ की स्वछंद विचरण से ग्रामीणों में दहशत, घर से निकलना मुश्किल…

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बिहारपुर: जिले के चाँदनी बिहारपुर के सीमावर्ती क्षेत्र में जंगली जानवरों का आतंक थम नहीं रहा है। जंगलों से रहवासी क्षेत्रों में हिंसक वन्य प्राणी आ रहे हैं। हाथी, भालू, तेंदुआ के साथ अब बाघ की आमद से ग्रामीण दहशत के साये में जीने को मजबूर है तो वही बाघ की गांवों में हो रही चहलकदमी से ग्रामीणों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। ग्रामीण डर व दहशत के साए में है। राष्ट्रीय उद्यान परिक्षेत्र होने पर वन अमला उद्यान विभाग पर जिम्मेदारी डाल रहा है तो वही उद्यानकर्मी वन विभाग को जवाबदेही बता कर अपनी आँखे बंद कर दी है। बाघ के मूवमेंट के प्रति दोनों विभाग हाथ पर हाथ रखे बैठे हुए है हालांकि जागरूक ग्रामीणों ने बाघ की तस्वीर और उसके पंजे की तस्वीर कैद कर दोनों विभाग के कर्मचारियों के साथ सोशल मीडिया में डाल दिये है. गौरतलब है कि 5 दिनो से लूल्ह,भुंडा,बैजनपाठ, खोहिर, कछवारी,रामगढ़,महुली में बाघ की हलचल बनी हुई है। कई ग्रामीणों से बाघ से आमना सामना भी हुआ तो ग्रामीण इकट्ठा होकर बाघ खदेड़ा भी है. बीते दिन शुक्रवार को शाम ढलते ही बाघ महुली गांव आ धमका, घंटो बस्ती में चहलकदमी करने के बाद समीप के नदी किनारे पहुचने पर ग्रामीण लाठी, डंडा, टार्च ओर मशाल जलाकर बाघ को कछवारी के जंगल की ओर भगाया. फिलहाल बाघ की स्वछंद विचरण से ग्रामीणों में दहशत बढ़ गई है। बाघ का आतंक ऐसा की ग्रामीण दिन हो शाम अपने घरों में दुबके हुए है, ताकि बाघ का शिकार ना हो जाए. इधर लोगों की सुरक्षा को लेकर विभाग की ओर से ग्रामीणों को किसी प्रकार की कोई मदद नही मिल रही है.ग्रामीणों ने संबंधित विभाग से बाघ का रेस्क्यू कर पकडऩे की मांग की है।

इन गांव के अंदर मिले बाघ के पद चिन्ह..

आध दर्जन से ज्यादा गांव में बाघ के आमद चहलकदमी के बाद कई जगहों पर बाघ के पैरों के निशान मिले थे.आज सुबह महुली गांव में ग्रामीणों के साथ उद्यान के बीटगार्ड बाघ पैर की माप लिया.बहरहाल बाघ की सूचना के पांच दिन बाद भी विभाग बाघ को खोजने की कोशिश नही रही है.न ही बाघ को रेस्क्यू करने का काम किया जा रहा है.

शिकारी हुए सक्रिय..

वन्यजीवों का शिकार करने वाले शिकारी सक्रिय हो गए है बाघ की स्वछंद विचरण से शिकारी उसके पीछे पड़ गए है जो इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में वन्यजीव का शिकार उसके खाल नाखून की तस्करी की जाती रही. कुछ माह पहले इसी क्षेत्र से तेंदुआ के साथ बाघ की खाल बरामद हुई थी, कुछ लोग पर कार्यवाही हुई है जबकि शिकार करने वाला मुख्य आरोपी अभी भी फरार है. फिलहाल वन्यजीव की सुरक्षा करने वाले विभाग के जमीनी कर्मचारी शराबखोरी में मस्त है बहुमूल्य लकड़ियों की तस्करी जारी है तो इनके अधिकारी कर्मचारी की निष्क्रियता से क्षेत्र में शिकारियों के साथ लकड़ी तस्कर खुले आम अपने कार्य को अंजाम देने में लगे हुए है.

इस मामले पर क्या कहते है अधिकारी..

गांव के लोगों का कहना है कि बाघ को लेकर इलाके में कोहराम मचा हुआ है. शाम होते ही लोग अपने घरों में बंद हो जाते है. वहीं वनपरिक्षेत्राधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में दो बाघ सीमावर्ती क्षेत्र मध्यप्रदेश से आये है इनके विचरण से लगता है कि गर्भवती होगी या उम्रदराज होंगे जो खाने की तलाश में गांव की ओर रुख कर रहे है-मेवालाल पटेल, वनपरिक्षेत्र बिहारपुर

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