Chhattisgarh: 240 दिनों में टंकी नहीं बन सकी उपयोगी, पानी की किल्लत…

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अकलतरा: जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत ग्राम पंचायत अमरताल, करहीडीह एवं मुरली कंजी में काम कराए जाने हैं। ठेकेदार को वर्क ऑर्डर जारी हुआ तो नौ माह में काम पूरा करना था। जारी वर्क ऑर्डर के अनुसार अब आठ माह का समय बीत गया है। लेकिन इन गांवों में अभी तक 40 प्रतिशत काम भी नहीं हो पाया है। किसी गांव में पानी टंकी बनाने की शुरुआत हुई है तो किसी गांव में अभी पाइप डालने का काम पूरा नहीं हो पाया है।

इसके अलावा इन गांवों में लोगों के घरों के सामने नल लगाने के लिए चबूतरे तक नहीं बनाए जा सके हैं। ग्राम पंचायत अमरताल, करहीडीह एवं मुरली कंजी में पीएचई द्वारा जल जीवन मिशन के अंतर्गत घरों तक पानी पहुंचाने के लिए जांजगीर के भवानी बोरवेल्स को 34.99 प्रतिशत अधिक दर पर तत्कालीन ईई सुरेंद्र चंद्रा ने 3 करोड़ 35 लाख 34 हजार का काम 4 करोड़ 52 लाख 67 हज़ार पांच सौ 46 रुपये में दिया।

ठेकेदार को अक्टूबर 2022 में कार्य आदेश दिया गया। इन तीनों गांवों में नौ माह में कार्य को पूर्ण करना था। आठ माह बीत जाने के बाद भी आज तक ठेके का 40 प्रतिशत कार्य भी पूर्ण नहीं हो पाया है।

सही क्षमता की नहीं लगा रहे छड़
ग्राम पंचायत अमरताल में एक लाख 20 हज़ार लीटर क्षमता वाली पानी टंकी बनानी है। यह काम अभी चल रहा है। पानी टंकी के कॉलम में 12 एमएम छड़ की जगह 8 से 10 एमएम छड़ का उपयोग किया जा रहा है। फिनिशिंग एवं अन्य कार्यों में भी लापरवाही बरती जा रही है। टंकी का कार्य मात्र 20 प्रतिशत ही हो पाया है। 537 चबूतरे बनाने हैं तथा 8487 मीटर पाइप लाइन बिछाई जानी है। लेकिन भवानी बोरवेल्स द्वारा अब तक कई मोहल्लों में चबूतरे का कार्य नहीं किया गया है और न ही पाइप लाइन बिछाने का कार्य भी नहीं किया गया है।

गड्ढा खोदकर छोड़ा
ग्राम मुरलीकंजी में 60 हजार लीटर की पानी टंकी के अलावा 302 चबूतरे बनाने हैं व 5637 मीटर पाइप लाइन बिछाना है। ठेकेदार द्वारा विगत 1 माह से गांव के कई गलियों में गड्ढा खोदने के बाद भी पाइप लाइन नहीं बिछाने के साथ-साथ चबूतरा बनाने का कार्य भी प्रारंभ नहीं किया जा रहा है।

पाइप लाइन का काम अटका
ग्राम करहीडीह में 50 हज़ार लीटर की क्षमता की पानी टंकी बनानी है तथा 200 चबूतरे बनाने के अलावा 4457 मीटर पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया जाना है। लेकिन गांव में कार्य शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में मात्र एक माह के बचे समय में ठेकेदार काम पूरा कर ही नहीं सकता। ऐसी स्थिति में ग्रामीणों को समय पर पानी नहीं मिल पाएगा।

काम की निगरानी नहीं
35 प्रतिशत अधिक दर पर कार्य लेने के बाद भी ठेकेदार गुणवत्ताहीन कार्य कर रहे हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण अधिकारियों की लापरवाही है। अधिकारी अपने चैंबर से निकल कर कभी ग्राउंड में जा नहीं रहे हैं। इसलिए न तो काम में गति आ रही है और न ही गुणवत्तायुक्त काम हो रहा है।

खामी मिलने पर करेंगे कार्रवाई
पानी टंकी के निर्माण में स्लैब के लिए 12 एमएम छड़ का उपयोग किया जाना है। ठेकेदार यदि मटेरियल की क्वालिटी व क्वांटिटी से समझौता कर रहा है तो गलत है। टंकी के निर्माण के दौरान गुणवत्ता के साथ-साथ फिनिशिंग को भी ध्यान में रखना है। निरीक्षण करेंगे व खामी पाए जाने पर ठेकेदार पर कार्रवाई करेंगे।

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