नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अवरिंद केजरीवाल (Chief Minister Avrind Kejriwal) शराब घोटाले से जुड़ी पूछताछ के मामले में जेल में हैं. अब उन्होंने नई अर्जी दाखिल की है, जिसमें डॉक्टर से परामर्श की इजाजत मांगी है. इसपर ईडी ने जवाब दाखिल करने के लिए वक़्त दिए जाने की मांग की. जिस बात पर केजरीवाल की ओर से पेश वकील रमेश गुप्ता ने कहा कि ये मसला हमारे, कोर्ट और जेल ऑथोरिटी के बीच का है. ईडी को इसमें दखल देने का औचित्य नहीं बनता. सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि केजरीवाल 22 साल से शुगर से पीड़ित हैं. वो हर दिन इंसुलिन लेते रहे हैं.
वहीँ, सिंघवी ने कहा, गिरफ्तारी से पहले इंसुलिन रिवर्सल प्रोग्राम शुरू हुआ था. पर पल पल ऐसी स्थिति में मुझे अपनी सेहत पर नज़र रखनी पड़ती है.जिस डॉक्टर से मैं इस बारे में परामर्श लेता रहा हूं मुझे अपने डॉक्टर से परामर्श की इजाजत दी जाए.
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सिंघवी ने कहा, ईडी आरोप लगा रही है कि मैं शुगर लेवल बढ़ाने के लिए आम लेता रहा हूं. लेकिन घर से भेजे गए 48 बार भोजन में सिर्फ 3 बार आम उसमें शामिल रहा है.ईडी का एकमात्र मकसद मीडिया ट्रायल है. मीडिया में सुर्खियां बनाने के लिए ऐसे बयान दिए जा रहे हैं. 8 अप्रैल के बाद एक बार भी मैंने आम नहीं खाया. आम को शुगर बुलेट की तरह पेश कर रहे हैं. जवकि इसका शुगर लेवल राइस से कहीं कम होता है.
सिंघवी ने कहा, मैं शुगर फ्री चाय लेता हूं. पूजा के दौरान सिर्फ एक बार आलू पूरी खाई है. लेकिन ईडी कुछ और ही तस्वीर पेश कर रही है. राजनैतिक मंशा से मीडिया में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर झूठ फैलाया जा रहा है. क्या केजरीवाल कोई गैंगस्टर है, जो हर वो 15 मिनट में अपने डॉक्टर से परामर्श नहीं ले सकते. 75 साल के संवैधानिक इतिहास में इतनी दयनीय हालत कभी नज़र नहीं आई.
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केजरीवाल की ओर से पेश दूसरे वकील रमेश गुप्ता ने ईडी की ओर से दलील रखे जाने का विरोध किया. रमेश गुप्ता ने कहा कि ईडी का मामले से कोई लेना देना नहीं है. केजरीवाल जेल में है. इसलिए जेल ऑथोरिटी को सुना जाना चाहिए. ईडी सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुकी है.
ईडी की ओर से पेश वकील जोएब हुसैन ने कहा कि हम पर बदनीयती की भावना से काम करने का आरोप लगाया गया है. इसलिए हमें अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए. कोर्ट ने साफ किया कि वो ईडी का पक्ष सुनेगा.