नई दिल्ली : राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत के तत्कालीन ओएसडी लोकेश शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के गहलोत पर बड़े आरोप लगाए हैं। लोकेश शर्मा ने कथित फोन टैपिंग प्रकरण को लेकर गहलोत पर कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि सचिन पायलट का फोन सर्विलेंस पर रहता था। ओएसडी लोकेश शर्मा ने अशोक गहलोत और खुद के बीच हुई बातचीत का ऑडियो भी सुनाया है। ये कथित तौर पर विधायकों की खरीद फरोख्त से जुड़ा ऑडियो प्रकरण था। लोकसभा चुनाव के बीच में ये आरोप कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं।
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लोकेश शर्मा ने कहा है कि संजीवीनी मामले का राजनैतिक फायदा उठाने के लिए सीएम हाउस पर साजिश होती थी। अशोक गहलोत केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और सचिन पायलट की छवि खराब करना चाहते थे। लोकेश शर्मा ने कहा है कि खुद उस समय के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें सारी रिकॉर्डिंग दी थी, ये रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया से नहीं मिली थी। 25 सितम्बर 2022 को उन्हें कहा गया कि मीडिया में खबर चलवाओ कि जो विधायक शांति धारीवाल के घर जमा है उनकी मांग है कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री ना बनाया जाए, इस तरह अशोक गहलोत ने आलाकमान को अंधेरे में रखा।
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राजस्थान में पेपर लीक के मुद्दे पर लोकेश शर्मा ने कहा कि पेपर लीक में खुद सिस्टम शामिल था। लोकेश ने कहा कि अशोक गहलोत ने अपने लोगों को बचाया, सबकुछ उनकी जानकारी में था। सरकार में खुली छूट दी अशोक गहलोत ने इसीलिए भ्रष्टाचार हुआ। लोकेश ने कहा है कि वह जांच के लिए सारे सबूत वर्तमान सरकार को देने के लिए तैयार हैं। लोकेश ने ये भी आरोप लगाया कि 7 हजार 400 करोड़ खर्चे से महिलाओं को मोबाइल फोन देने थे लेकिन ऐसा नहीं है और इसमें बड़ा घोटाला हुआ।