Gram Nyayalaya: न्यायालय ने उच्च न्यायालयों को जारी किया नोटिस…

0
484

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सभी उच्च न्यायालयों से 2019 की उस याचिका पर जवाब मांगा जिसमें केंद्र और सभी राज्यों को शीर्ष अदालत की देखरेख में ‘ग्राम न्यायालय’ स्थापित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की गई है।

न्यायमूर्ति एस. ए. नजीर और न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यम की पीठ ने सभी उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी किया और उन्हें मामले में पक्षकार बनाया। शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालयों को पक्षकार बनाया जाना चाहिए क्योंकि वे पर्यवेक्षी प्राधिकरण हैं।

याचिकाकर्ता गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘नेशनल फेडरेशन आॅफ सोसाइटीज फॉर फास्ट जस्टिस’ और अन्य की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने पीठ के सामने कहा कि 2020 में शीर्ष अदालत के निर्देश के बावजूद कई राज्यों ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।

भूषण ने कहा कि ये ‘ग्राम न्यायालय’ ऐसे होने चाहिए कि लोग बिना किसी वकील के अपनी शिकायतें रख सकें। इस मामले में अगली सुनवाई पांच दिसंबर को होगी। शीर्ष अदालत ने 2020 में निर्देश दिया था कि ‘ग्राम न्यायालयों’ की स्थापना के लिये अब तक अधिसूचना जारी नहीं करने वाले राज्य चार सप्ताह के भीतर ऐसा करें। न्यायालय ने उच्च न्यायालयों को इस मुद्दे पर राज्य सरकारों के साथ परामर्श की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा था।

संसद द्वारा 2008 में पारित एक अधिनियम में नागरिकों को घर के आसपास न्याय प्रदान करने के लिए जमीनी स्तर पर ‘ग्राम न्यायालय’ की स्थापना का प्रावधान किया गया था जिससे यह सुनिश्चित हो कि सामाजिक, आर्थिक कारणों या अन्य दिव्यांगता के चलते किसी को न्याय हासिल करने के अवसरों से वंचित नहीं होना पड़े।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here