नई दिल्ली: अगर 2017 में सीप्लेन की सवारी हुई तो इस बार 50 किमी लंबा अहमदाबाद का रोड शो अहम रहा. कुल मिलाकर पूरे राज्यभर में 31 रैलियां और अनेक रोड शो करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार भी गुजरात विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी को वापस सत्ता दिलाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं.
साल 2017 में भी जब राज्य में कांग्रेस को लेकर झुकाव बढ़ रहा था और पाटीदारों की नाराजगी चल रही थी, ऐसे में लगने लगा था कि भाजपा के हाथ से सत्ता फिसल सकती है. तभी 2017 के चुनाव के अंतिम चरण के मतदान से ठीक दो दिन पहले मोदी ने अहमदाबाद में साबरमती नदी के सामने से धरोई बांध तक सीप्लेन से उड़ान भरने का फैसला लिया. यह एक ऐसा कदम था जिसने मतदाताओं को पूरी तरह से चौंका दिया था और लोगों के सामने यह जाहिर कर दिया था कि उनकी पार्टी अभी भी मुकाबले में है. इसके बाद नतीजा सबके सामने था भाजपा ने 182 विधानसभा सीटों में से 99 सीट झटक ली थीं.
इस बार मोदी ने अहमदाबाद की सड़कों पर 50 किलोमीटर के रोड शो के जरिए लोगों तक पहुंचने की कोशिश की. पिछले हफ्ते हुए इस रोड शो को बीजेपी अब तक का सबसे बड़ा रोड शो बता रही है. वहीं भाजपा की ओर से दावा किया गया है कि पीएम की एक झलक पाने के लिए इसमें 4 घंटे में करीब 10 लाख लोगों ने हिस्सा लिया. सोमवार को वोट डालने के लिए भी पीएम भीड़ के बीच से पैदल निकले और इसके अलावा पीएम मोदी ने 15 दिन के भीतर गुजरात में 31 रैलियां कीं.
गुजरात में पिछले 27 सालों से सत्ता में रहने के बाद भी बीजेपी ने इस बार भी वोटरों को लुभाने के लिए बीजेपी के पोस्टर पर मोदी की तस्वीर को सबसे ज्यादा जगह दी है. बीजेपी के पास इस चुनाव में कई चुनौतियां हैं. चुनौतियों की बात करें तो इनमें सबसे अहम चुनाव से एक साल पहले ही मुख्यमंत्री और कैबिनेट को बदला गया. अक्टूबर में मोरबी पुल के ढहने से 150 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. हाल में हुए मोरबी हादसे को बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है. साथ ही आम आदमी पार्टी के आने से गुजरात में तीन तरफा चुनावी जंग देखने को मिल रही है.
हालांकि, बीजेपी ने मोदी की लोकप्रियता को भुनाना ही सही समझा. वहीं पीएम मोदी ने अपनी रैलियों में कांग्रेस पर हमला किया, विकास का मुद्दा उठाया और राष्ट्रवाद व सुरक्षा की बात कही. मोदी ने चुनाव के दूसरे चरण में वोटिंग दर को बढ़ाने के लिए भी पार्टी नेताओं से बात की. अब सवाल है कि क्या मोदी एक बार फिर गुजरात में बीजेपी की जीत की वजह बनेंगे. इस सवाल का जवाब 8 दिसंबर को ही मिल पाएगा.