सुंदरगढ़ का धर्म और संस्कृति है हॉकी…

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राउरकेला: भारतीय हॉकी को दिलीप टिर्की जैसे दिग्गज खिलाड़ियों को देने वाले ओडिशा के सुंदरगढ़ के सोनमारा गांव के दिल और दिमाग में हॉकी का खेल बसा है। पश्चिम ओड़िशा के इस गांव में लोग हॉकी में बेहद दिलचस्पी रखते हैं। एक ऐसा खेल जिसमें यहां के युवा ही नहीं बल्कि वरिष्ठ नागरिक भी बहुत रुचि रखते हैं और इस खेल में हाथ आजमाते हैं।

हॉकी के प्रति इतने अधिक लगाव के बारे में पूछे जाने पर एक स्थानीय नागरिक ने कहा,‘‘ ऐसा इसलिए है क्योंकि यह खेल हमारी संस्कृति है। क्या आप अपनी संस्कृति को पीछे छोड़कर शांतिपूर्वक जी सकते हैं। भारत में अब पंजाब को नहीं बल्कि सुंदरगढ़ को हॉकी का गढ़ कहा जाता है।’’

इस गांव के लोग नियमित तौर पर हॉकी का अभ्यास करते हैं तथा यहां के स्थानीय क्लब खसी यानि बकरे के लिए मैच रखते हैं। जीतने वाली टीम को पुरस्कार के रुप में बकरा मिलता है और फिर गांव वाले पार्टी आयोजित करते हैं जिसने मांस परोसा जाता है।
राज्य स्तर पर कोच रहे अमूल्य कुमार बिहारी ने कहा,‘‘ यदि यहां के लोगों के जीन और संस्कृत में हॉकी रचा बसा नहीं होता तो फिर सुंदरगढ़ कभी इस खेल का गढ़ नहीं बन सकता था। जिस तरह से आप दक्षिण अमेरिका के लोगों को फुटबॉल से अलग नहीं कर सकते हैं वैसे ही आप सुंदरगढ़ के लोगों को हॉकी से अलग नहीं कर सकते।’’

सौनमारा की महिला कोच फ्लोरेंसिया एक्का ने भी कुछ इसी तरह की बात की। उन्होंने कहा,‘‘ हमारे लिए हॉकी धर्म और संस्कृति है। यह सुंदरगढ़ के लोगों के खून में है। यह खेल यहां के लोगों के दिल दिमाग में बसा हुआ है और उनकी दैनिक गतिविधियों में शामिल है।’’

मेरठ के रहने वाले और सेल हॉकी अकादमी में कोच राजू सैनी ने याद किया कि जब वह अपने एक प्रशिक्षु के निवास पर शादी में शामिल होने के लिए गए तो उन्होंने देखा कि दूल्हा और दुल्हन के परिजनों के बीच हॉकी मैच खेला गया तथा इनाम के रूप में चार दर्जन मुर्गे रखे गए थे।

उन्होंने कहा,‘‘मैं हैरान था। मैंने स्वयं से कहा कि ऐसा हो ही नहीं सकता जो यहां से बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी न निकलें।’’ सुंदरगढ़ जिले ने देश को दिलीप टिर्की, लाजरस बारला, जूनियर राष्ट्रीय टीम में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले उड़िया आदिवासी पीटर टिर्की, सिलानंद लाकड़ा, अमित रोहिदास और सुधीर चिरमाकू जैसे खिलाड़ी दिए हैं।

इस जिले ने इसके साथ ही देश को कई शीर्ष महिला खिलाड़ी भी दिए हैं। इनमें सुभद्रा प्रधान, महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान ज्योति सुनीता कुलु, दीप ग्रेस एक्का, नमिता टोप्पो और लिलिमा ंिमज प्रमुख हैं। एक जमाना था जब संसारपुर, पंजाब और कूर्ग को हॉकी का गढ़ माना जाता था लेकिन सुंदरगढ़ अब इनसे आगे निकल गया है। ओडिशा में हॉकी की तीन अकादमी है जिनमें से दो अकादमी सुंदरगढ़ में हैं। ओडिशा के ही भुवनेश्वर और राउरकेला में 13 से 29 जनवरी के बीच पुरुष हॉकी विश्व कप खेला जाएगा।

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