India-Maldives : माले. मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohamed Muizzu) के शपथ लेने के एक दिन बाद भारत के प्रतिनिधि पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने उनसे मुलाकात की. जहां राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत सरकार से मालदीव से अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने का औपचारिक अनुरोध किया.
मालदीव के राष्ट्रपति के कार्यालय ने कहा कि राष्ट्रपति मुइज्जू ने कई मेडिकल आपातकालीन रेस्क्यू मिशनों को अंजाम देने में दो हेलिकॉप्टरों की बड़ी भूमिका को कबूल किया. भारत सरकार ने इस की पुष्टि की है कि जब मंत्री रिजिजू ने मुलाकात की तो राष्ट्रपति मुइज्जू ने चिकित्सा सेवा और मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए मालदीव में विमान संचालन के लिए मौजूद भारतीय सैन्य कर्मियों का मुद्दा उठाया.
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‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि इस बात पर सहमति हुई कि दोनों सरकारें इन प्लेटफार्मों के उपयोग के जरिये निरंतर सहयोग के लिए व्यावहारिक समाधानों पर चर्चा करेंगी. क्योंकि यह मालदीव के लोगों के हितों की सेवा करता है.
सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रपति मुइज्जू ने मालदीव के नागरिकों की चिकित्सा मदद के लिए इन भारतीय हेलिकॉप्टरों और विमानों के योगदान को कबूल किया. वे इस बात पर भी सहमत हैं कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटक सुदूर द्वीपों पर ठहरते हैं. उन्होंने मादक पदार्थों की तस्करी की निगरानी और मुकाबला करने में उनकी भूमिका की सराहना की.
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विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पिछले महीने 18 अक्टूबर को मालदीव पर सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि पिछले पांच साल में हमारे कर्मियों ने 500 से अधिक लोगों को मेडिकल इमरजेंसी में अस्पताल पहुंचाने का काम किया गया है. जिससे 523 मालदीवियों की जान बचाई गई है.
इसी तरह पिछले पांच साल के दौरान मालदीव की समुद्री सुरक्षा की सुरक्षा के लिए 450 से अधिक बहुआयामी मिशन चलाए गए हैं. इनमें से 122 मिशन पिछले साल किए गए, जबकि 152 और 124 मिशन क्रमशः 2021 और 2020 में किए गए. भारत किसी भी आपदा की हालत में मालदीव के लिए सबसे पहला मदद पहुंचाने वाला रहा है, जिसमें हाल ही में कोविड महामारी भी शामिल है.
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गौरतलब है कि मुइज्जू का विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया आउट’ अभियान पर सवार होकर सत्ता में आया है. उन्होंने राष्ट्रपति इबू सोलिह को हराया, जिन्हें भारत के लिए मित्रवत माना जाता था. नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मुइज्जू को मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के प्रॉक्सी के रूप में देखा जाता है. जो 2013 और 2018 के बीच अपने कार्यकाल के दौरान चीन समर्थक रहे हैं.