जोशीमठ : जोशीमठ (Joshimath) में 23 और घरों में दरारें आ गई हैं। जानकारी के मुताबिक मंगलवार तक सर्वे टीम ने 849 घरों को दरारों वाला क्रॉस मार्क लगाया है। इनमें से 155 निजी भवन और 10 व्यापारिक प्रतिष्ठानों को पूरी तरह से असुरक्षित माना गया है। इस कारण अभी तक इनमें रहने वाले 237 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित कर दिया गया है।
वहीँ मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विस्थापित परिवारों में से 58 किराए के मकानों में रहने पहुंचे हैं। बाकी को सरकार की तरफ से ठहराया गया है। इस बीच, दर्द और बेबसी की एक और तस्वीर सामने आई। विस्थापित कई परिवारों को प्रशासन ने होटलों में ठहराया है। लेकिन परेशानी ये है कि एक ही कमरे में तीन-तीन परिवार को ठूंस दिया गया है। वहां सोने तक के लिए जगह नहीं मिल रही है।
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सबसे ज्यादा परेशानी उन महिलाओं को हो रही है, जिनके बच्चे 6 महीने तक के हैं। हालांकि राहत की बात ये है कि खाने-पीने को लेकर समस्या नहीं है। सभी शिविरों और होटलों में प्रशासन खाने की व्यवस्था कर रहा है। साथ ही बाजारों में भी किसी भी चीज की किल्लत नहीं है।
इस बीच, जमीन धंसने से भगवान बदरी विशाल के खजाने को लेकर भी चिंता बढ़ा है। यदि स्थिति और बिगड़ती है तो बद्रीनाथ धाम का खजाना पीपलकोटी में मंदिर समिति के निरीक्षण भवन में शिफ्ट कर दिया जाएगा। बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने मिडिया को बताया कि अभी खतरा नहीं है, पर जरूरत पड़ने पर यहां स्थित निरीक्षण भवन के हॉल को स्ट्रांग रूम बनाया जाएगा।