Korba: अपनी जायज मांगो को लेकर विद्युत संविदा कर्मचारी धरने पर है जहां शासन के द्वारा इनके धरना प्रदर्शन को भंग कर इन्हें जेल में ठूस दिया गया।जिस वजह से विद्युत संविदा कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।इसी कड़ी में 29 अप्रैल को कोरबा कलेक्ट्रेड का घेराव किया जाना है।
Korba:
बता दे कि रायपुर बूढ़ा तालाब के पास विद्युत संविदा कर्मचारियों द्वारा धरना स्थल तय कर अपनी जायज मांगो को लेकर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया जा रहा था।वही 23 अप्रैल को विद्युत कर्मचारियों के धरना स्थल पर शासन ने बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज कर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन में व्यवधान उतपन्न कर विद्युत कर्मचारियों को लाठी डंडों से धुनाई कर इन्हें जबरन जेल में ठूस दिया गया।
Korba:
इस अलोकतांत्रिक घटना से नाराज विद्युत संविदा कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ के समस्त जिला मुख्यालयों में 29 अप्रैल को घेराव करने का आयोजन तय किया है।इस घेराव में विद्युत कर्मचारियों ने समस्त पार्टियों,संगठन तथा व्यापारी वर्ग से सहयोग की अपेक्षा की है।इनका मानना है कि छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़िया लोगो पर इस तरह मारपीट कर उन्हें जेल में डालना अत्यंत निदनीय कार्य है।इसी कड़ी में विद्युत कर्मचारियों द्वारा वृहद रूप से कलेक्ट्रेड का घेराव किया जाना सुनिश्चित किया गया है।
Korba:
विदित है कि विद्युत विभाग में पिछले 2 वर्षों से लगातार नियमितीकरण होता रहा है लेकिन वर्तमान सरकार ने इस प्रकिया को रोक दिया है ऐसा कहा जा रहा है।बता दे की समामाजिक व्यवस्थाओं को सुदृण बनाने में विद्युत कर्मचारियों का योगदान भी बेहद सराहनीय होता है।ये हर मौसम में अपनी जान की परवाह किये बगैर विद्युत आपूर्ति को बहाल करते हैं इतना ही नही भीषण गर्मी में ये करेंट प्रवाहित खम्भो में चढ़ कर सुधार कार्य भी करते हैं जो बेहद मुश्किल भरा कार्य होता है।
Korba:
अब ऐसे में अगर विद्युत कर्मचारी अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए नियमितीकरण की मांग रख रहे हैं तो यह जायज मांग मानी जा सकती है।सरकार को विद्युत कर्मचारी की मांगों को स्वीकार करना चाहिए,वही सरकार इन पर लाठी चला कर क्या साबित करना चाह रही यह समझ से परे है?