LOK ADALAT: धमतरी पति-पत्नी व परिवार के बीच रिश्ते में आई दरार के चलते सालों से एक-दूसरे से अलग रह रहे और कोर्ट के चक्कर लगा रहे कुछ परिवारों की जिंदगी में नेशनल लोक अदालत ने कुछ ही समय में नई मोड़ ला दी है।
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न्यायाधीशों ने इन परिवारों को समझाईश देकर और राजीनामा कराकर इन परिवारों के बीच मिनटों में दूरियां खत्म कर मिला दिया। न्यायाधीशों से प्रेरित होकर पति-पत्नी व बच्चे एक हो गए। वहीं एक जोड़े के बीच एक-दूजे के प्रति विश्वास बढ़ गया और पहले की तरह जिंदगी की नई शुरूआत करने एक हो गए।
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जिला एवं सत्र न्यायालय धमतरी, कुरूद व नगरी न्यायालय में 14 मई को आयोजित हाईब्रिड नेशनल लोक अदालत में पति-पत्नी, बच्चे समेत परिवार के कई अन्य रिश्तों में दूरियां बनने के बाद सालों से न्यायालय में मामला चल रहा था। ऐसे कुछेक मामलों पर नेशनल लोक अदालत में मिनटों में निबटारा हुआ और सालों से एक-दूसरे से दूर रहे परिवार एक हो गए।
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इसका उदाहरण नेशनल लोक अदालत में हुई सुनवाई के कुछ मामले इस प्रकार है, जो हकीकत है। जिला एवं सत्र न्यायालय धमतरी से जारी सफलता की कहानी में बताया गया है कि 12 वर्ष के बच्चे की परवरिश की खातिर नेशनल लोक अदालत में एक परिवार एक हो गए।
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नेशनल लोक अदालत में परिवार न्यायालय में एक परिवारिक मामले में दो परिवारों के बीच बरसों से चल रहे मतभेद और झगड़े का पटाक्षेप किया गया। इस मामले में परिवर्तित नाम के अनुसार सरिता का अपने पति अंकुश से मतभेदों के चलते विवाद था और कुछ वर्षों से वे अलग-अलग रहने लगे थे। इसी बीच उनके बच्चा 12 वर्ष का भी हो गया।
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परिवार न्यायालय में लंबित मामलों की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश द्वारा दी गई समझाईश और सलाह के बाद 12 वर्ष के बच्चे के जीवन पर विवाद का प्रतिकूल प्रभाव पड़ने एवं बच्चे के भविष्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को बताते हुए दोनों पति-पत्नी को पृथक-पृथक समझाईश दी गई जिससे वे समझ कर एक हो गए। इस तरह नेशनल लोक अदालत में 12 वर्ष के बच्चे के भविष्य को ध्यान में रखकर एक परिवार एक हो गया और परिवार टूटने से बच गया।