अतीक अहमद वह शख्स था जिसकी कभी प्रयागराज में तूती बोलती थी। बीते सप्ताह पुलिस की कस्टडी में ही उसकी और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक अतीक अहमद इलाहाबाद दक्षिण विधानसभा सीट के अंतरगत आने वाले करेली इलाके की पूरी डेमोग्राफी ही बदल देना चाहता था। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स के एक अधिकारी ने बताया कि वह इस इलाके में अल्पसंख्यकों को बसाना चाहता था और बाकी धर्मों के लोगों को बाहर का रास्ता दिखाना चाहता था। उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यकों के लिए यहां पर कई इमारतें बनाई जा रही थीं।
यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने कहा कि माफिया अतीक ने करेली इलाके में बड़ी भूमि पर कब्जा कर रखा था और यहां अल्पसंख्यकों को ही बसाने का प्लान था। अतीक ने अपना दबदबा बढ़ाने के लिए यह करने का प्लान किया था।
यश ने कहा, करेली के पास अतीक अहमद अल्पसंख्यकों का पूरा नगर ही बसा देना चाहता था। उसने गरीबों और वंचितों की जमीनों पर अवैध कब्जा किया था। एक खास समुदाय को बसाकर अतीक गैंग अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता था। हालांकि एसटीएफ ने उसके गैंग की इन कोशिशों को विफल कर दिया। वह करेली के पास डेमोग्राफी बदलने की कई कोशिशें कर चुका था।
गुड्डू मुस्लिम के बारे में उन्होंने कहा, जहां तक मुझे पता है कि गोरखपुर में साल 1999 में उसे पकड़ा गया था। ड्रग्स के मामले में उसे 10 साल की जेल हुई थी। उन्होंने कहा, अतीक अहमद ने गुड्डू मुस्लिम की जमानत करवाई थी और तब से ही वह अतीक गैंग के लिए काम करता था। गुड्डू मुस्लिम से जब पूछताछ हुई तो उसने खुद को बमबाज बताया था। उसने यह भी स्वीकार किया था कि बिहार के पूर्व विधायक और बाहुबली रंजन तिवारी के साथ मिला था और जेल में ही उसे किसी की हत्या करने की सुपारी दी गई थी। बाद में उसकी बातों के सबूत भी मिले थे।
यूपी एसटीएफ अधिकारी का कहना है कि गुड्डू मुस्लिम पर जितने आरोप हैं उससे कहीं ज्यादा अपराध उसने किए हैं। उन्होंने कहा कि उमेशपाल हत्याकांड के आरोपी साबिर और अरमान भी बड़े अपराधी थे। साबिर शाइस्ता की गाड़ी चलाया करता था। वहीं अरमान बिहार का रहने वाला था। उन्होने कहा, सबसे बड़ी समस्या यह थी कि इस गैंग के खिलाफ लोग कोर्ट जाने लगे थे। इसी वजह से अतीक ने उमेश पाल की हत्या करवाई ताकि लोग डरने लगें। उन्होंने कहा कि अतीक के बेटे असद ने भी पुलिसकर्मियों पर फायरिंग की थी। अगर वह पहले ही सरेंडर कर देता तो उसका यह हस्र ना होता।








