नई दिल्ली : एनटीए के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह को उनके पद से हटा दिया गया है। इसी के साथ उन्हें अनिवार्य वेट करने के लिए कहा गया है। बताया गया है कि हालिया परीक्षाओं में अनियमितताओं के मद्देनजर केंद्र सरकार ने यह फैसला किया है। एक अधिकारी ने बताया कि सिंह को अगले आदेश तक कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) में ‘अनिवार्य प्रतीक्षा’ में रखा गया है।
बताया गया है कि भारतीय व्यापार प्रचार संगठन के चेयरमैन और एमडी प्रदीप सिंह खरोला को एनटीए के महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
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गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी-नेट) को रद्द कर दिया है, जबकि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-स्नातक) में भी पेपर लीक के आरोप हैं और इसे रद्द करने की मांग की जा रही है। हालांकि, सरकार इस मामले में अभी जांच कर रही है।
एनटीए द्वारा आयोजित कुछ प्रमुख परीक्षाओं में जेईई मेन और एडवांस (इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाएं), नीट (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा – मेडिकल), सीयूईटी (केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा), यूजीसी नेट (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा) शामिल हैं। इसके अलावा, यह संस्था विभिन्न राज्य पात्रता परीक्षाओं (NET SET), जूनियर रिसर्च फैलोशिप (JRF) परीक्षा, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा (AIIMS PG) और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (आईजीएनओयू) परीक्षाओं का भी आयोजन करती है।
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इनके अलावा, एनटीए CMAT और GPAT जैसी परीक्षाएं भी आयोजित कराती है। सीमैट देश के प्रबंधन संस्थानों में एडमिशन के लिए और जीपैट फार्मेसी संस्थानों में मास्टर्स प्रोग्राम में दाखिले के लिए कराए जाते हैं।
जानिए एनटीए की टीम में कौन-कौन होते है?
एनटीए के पास शिक्षा प्रशासकों, विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और मूल्यांकन डेवलपर्स की एक टीम होती है, जिनका मानना है कि वैज्ञानिक रूप से डिजाइन और ठीक से किए गए असिसमेंट भारत के स्कूलों में शिक्षण प्रक्रियाओं को बेहतर बना सकते हैं। इसकी नौ सदस्यीय कोर टीम में टेस्ट आइटम राइटर्स, शोधकर्ता और मनोचिकित्सक और शिक्षा विशेषज्ञ शामिल होते हैं।