Mehbooba Mufti : जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की चीफ महबूबा मुफ्ती ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को नसीहत दी है. उन्होंने कहा है कि भारत में इस वक्त जो चीजें हो रही हैं, उसे जल्द नहीं रोका गया, तो हालात बद से बदतर हो जायेंगे. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भारत के हालात श्रीलंका से भी बुरे हो जायेंगे.
महबूबा मुफ्ती बुधवार को श्रीनगर में मीडिया से बात कर रहीं थीं. पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से पत्रकारों, छात्रों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर देशद्रोह के मुकदमे लगाये जा रहे हैं, वह बेहद गंभीर है. अगर इस पर अभी रोक नहीं लगी, तो हमारे देश के हालात श्रीलंका से भी बुरे हो जायेंगे.
Mehbooba Mufti :
पीडीपी चीफ ने कहा कि अगर कोई समाचार पत्र सरकार के खिलाफ रिपोर्टिंग करता है, तो उसके पत्रकारों पर देशद्रोह के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया जाता है. कोई एक्टिविस्ट अगर सरकार के खिलाफ बात करता है, तो उसके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा लाद दिया जाता है. छात्र अगर नारेबाजी कर दें, तो उनको भी नहीं बख्शा जाता. उन्हें भी देशद्रोही करार दे दिया जाता है. इस तरह देश में देशद्रोह कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है.
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महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस पर रोक लगाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं. उनके घरों को बुलडोजर से गिराया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने न्यायपालिका को भी कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की.
#WATCH | Srinagar, J&K: If our country continues to slap sedition charges on students, activists, journalists…our situation will become worse than Sri Lanka…Hoping BJP learns a lesson from Sri Lanka & stops communal tensions, majoritarianism: PDF chief Mehbooba Mufti pic.twitter.com/REI6xJpIp9
— ANI (@ANI) May 11, 2022
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अल्पसंख्यकों पर जुल्म हो रहे हैं और न्यायपालिका उनकी सुरक्षा के लिए आगे नहीं आ रही है. ऐसी घटनाओं का कोर्ट स्वत: संज्ञान नहीं ले रहा है. इसका नतीजा यह है कि अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं. इसे रोकने की जरूरत है. पीडीपी चीफ ने उम्मीद जतायी कि शोषित-पीड़ित अल्पसंख्यकों को न्याय मिलेगी.