गांधीनगर: गुजरात के मोरबी (Morbi) शहर में पिछले साल अक्टूबर में ‘केबल ब्रिज’ टूटने पर पुलिस ने 9 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र (Charge-sheet) दायर किया है. 1200 पन्नों की चार्जशीट में ओरेवा समूह के मालिक जयसुख पटेल (Jaysukh Patel) को प्रमुख आरोपी बनाया गया है. जयसुख पटेल पर आरोप है कि उन्होंने सभी शर्तों का उल्लंघन किया. यहां तक कि चंद पैसे कमाने की लालच में मेंटेनेंस तक ठीक से नहीं करवायी. पुल के नीचे नदी होने के बावजूद नाव, तैराक, लाइफ जैकेट, इमरजेंसी मेडिकल टीम, डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान तक तैयार नहीं थे. बता दें कि इस हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी.
फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की रिपोर्ट पेश करते हुए मोरबी पुलिस (Morbi Police) ने चार्जशीट में लिखा है कि ब्रिज के 49 तारों में से 22 तारों पर जंग लग चुका था और कुछ पहले से टूटे हुए थे. जयसुख पटेल ने पैसे बचाने के चक्कर में ब्रिज का टेक्निकल इंस्पेक्शन भी नहीं कराया था. इतना ही नहीं झूलते पुल का टेक्निकल ज्ञान नही होने के बावजूद अक्षम लोगों को मेंटेनेंस का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था.
आरोपी नंबर दो दीपक पारेख को बनाया गया है. दीपक ओरेवा ग्रुप (Oreva Group) में मैनेजर के तौर पर काम करता है. उसने देव प्रकाश सॉल्यूशन को मेंटेनेंस का कॉन्ट्रैक्ट दिया था. रिनोवेशन कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक देव प्रकाश सॉल्यूशन का काम केबल रिनोवेशन के लिए रॉ मैटेरियल लाना और पुल को कलर करना ही था. दीपक पारेख ने किसी भी सरकारी तकनीकी जानकार एजेंसी या संस्था से फिटनेस स्ट्रेंथ स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट लिए बिना ही पुल का रिनोवेशन शुरू करवाने में अहम भूमिका अदा की.