spot_img
HomeBreakingमृदा एवं जल संरक्षण पर राष्ट्रीय कार्यशाला

मृदा एवं जल संरक्षण पर राष्ट्रीय कार्यशाला

रायपुर, 24 मई 2023 : नरवा विकास: छत्तीसगढ़ में वनांचल के 6395 नालों को पुनर्जीवित कर 23 लाख हेक्टेयर भूमि को किया गया उप चारित मुख्यमंत्री बघेल की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ में मृदा-जल संरक्षण पर हो रहे कार्यों की तारीफकेन्द्रीय विशेष सचिव तथा महानिदेशक गोयल ने अन्य राज्यों के लिए बताया अनुकरणीय

छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ‘नरवा विकास कार्यक्रम‘ अंतर्गत वन क्षेत्रों में स्थित 6 हजार 395 नालों को पुरर्जीवित किया जा चुका है। इसके तहत इन नालों में 774 करोड़ रूपए की राशि से अब तक एक करोड़ 19 लाख 84 हजार भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण किया गया है, जिससे 22 लाख 92 हजार हेक्टेयर क्षेत्र उपचारित हुआ है।

वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के तत्वाधान में मृदा-जल संरक्षण पर राजधानी रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय सेमीनार में यह जानकारी दी गई। 25 मई तक आयोजित राष्ट्रीय सेमीनार का शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 23 मई को किया गया।

यह भी पढ़ें:-संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग 31 मई को कोरबा में लेंगे कलेक्टर्स कांफ्रेंस

सेमीनार में मुख्यमंत्री बघेल की मंशा के अनुरूप नरवा विकास कार्यक्रम अंतर्गत कैम्पा मद के तहत राज्य के वनांचल में मृदा एवं जल संरक्षण के क्षेत्र में हो रहे कार्यों की तारीफ केन्द्रीय विशेष सचिव तथा महानिदेशक चन्द्रप्रकाश गोयल ने भी की और इसे देश के अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय बताया। कार्यशाला में वन मंत्री मोहम्मद अकबर, संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा,

महानिदेशक एवं केन्द्रीय विशेष सचिव, वन एवं जलवायु परिवर्तन चन्द्रप्रकाश गोयल, वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ, केन्द्रीय कैम्पा के सीईओ सुभाष चन्द्र, प्रधान मुख्य वन संरक्षक व्ही. निवास राव तथा वानिकी विशेषज्ञ और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में नरवा विकास कार्यक्रम के तहत कैम्पा मद अंतर्गत वनांचल स्थित नालों में काफी तादाद में भू-जल संरक्षण संबंधी कार्याे का तेजी से क्रियान्वयन जारी है। इससे वन क्षेत्रों के भू-जल स्तर में काफी सुधार दिखाई देने लगा है और वनवासियों सहित क्षेत्रवासियों को पेयजल, सिंचाई तथा निस्तारी आदि सुविधाओं का भरपूर लाभ मिलने लगा है।

यह भी पढ़ें:-स्वास्थ्य समस्याओं पर अध्ययन के लिए प्रसिद्ध जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ छत्तीसगढ़ में करेगी रिसर्च

साथ ही साथ इससे वन संरक्षण तथा संवर्धन के कार्यों को भी बढ़ावा मिला है। राज्य में इसके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को ’स्कॉच अवार्ड’ के पर्यावरण श्रेणी के लिए स्वर्ण पुरस्कार भी मिल चुका है।

छत्तीसगढ़ में गत चार वर्षों के दौरान राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे महत्वाकांक्षी ‘नरवा विकास‘ योजना के तहत वनांचल स्थित 6 हजार 395 नालों के लगभग 23 लाख हेक्टेयर जल ग्रहण क्षेत्रों को उपचारित करते हुए विभिन्न जल संरचनाओं का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। इसके तहत एक करोड़ 61 लाख से अधिक भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का निर्माण शामिल हैं।

इन संरचनाओं में ब्रश वुड चेक डैम, लूज बोल्डर चेक डैम, गेबियन संरचना, मिट्टी चेक डैम, कंटूर ट्रेंच, वाटर अब्जॉर्प्शन ट्रेंच तथा स्टेगर्ड कंटूर ट्रेंच का निर्माण शामिल है। इसके अलावा गली प्लग, चेक डैम, स्टॉप डैम, परकोलेशन टैंक तथा तालाब, डबरी और वाटरहोल आदि भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें:-पंजाब में गैंगवार : गैंगस्टर जरनैल सिंह की गोली मारकर हत्या…हमलावरों ने 20 से 25 गोलियां मारी

इनमें वर्ष 2019-20 में 863 नालों का चयन कर लगभग 5 लाख हेक्टेयर भूमि को उपचारित करने के लिए 12 लाख से अधिक संरचनाओं का निर्माण शामिल है। जिसमें 160 करोड़ 55 लाख रूपए की राशि से 25 जिलों के अंतर्गत कुल 32 वनमंडल, 01 राष्ट्रीय उद्यान, 2 टायगर रिजर्व, 01 सामाजिक वानिकी तथा 01 एलीफेंट रिजर्व में भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण जारी है।

इसी तरह वर्ष 2020-21 में 2 हजार 055 नालों का चयन कर 6 लाख हेक्टेयर भूमि के उपचार के लिए 46 लाख से अधिक संरचनाओं का निर्माण प्रगति पर है। इनमें 421 करोड़ रूपए की अधिक राशि से 32 वन मंडल, 2 राष्ट्रीय, 3 टायगर रिजर्व एवं 01 एलीफेंट रिजर्व में भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण जारी है।

वर्ष 2021-22 में एक हजार 974 नालों का चयन कर 5 लाख 70 हजार हेक्टेयर भूमि के उपचार के लिए 73 लाख से अधिक भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का निर्माण शामिल हैं। इनमें 407 करोड़ रूपए की अधिक राशि से 32 वन मंडल, 2 राष्ट्रीय उद्यान, 2 टायगर रिजर्व, 01 सामाजिक वानिकी तथा 01 एलीफेंट रिजर्व भूजल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण प्रगति पर है।

इसके अलावा वर्ष 2022-23 में एक हजार 503 नालों का चयन कर 6 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि के उपचार के लिए 29 लाख से अधिक संरचनाओं का निर्माण जारी है। इनमें 300 करोड़ रूपए की अधिक राशि से 32 वनमंडल, 2 राष्ट्रीय उद्यान, 3 टायगर रिजर्व तथा 01 एलीफेंट रिजर्व में भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण प्रगति पर है।

RELATED ARTICLES
spot_img
- Advertisment -spot_img

ब्रेकिंग खबरें

spot_img