बालोद ब्यूरो चीफ ढालेंद्र कुमार
बालोद: जिले के ग्राम निपानी में कुछ खाताधारको के खातो से फर्जी विड्राल ट्रांसफर किये जाने की शिकायत प्राप्त होने पर बैंक द्वारा शिकायत की प्राथमिक जांच करायी गई प्रथम दृष्टया शाखा में पदस्थ कर्मचारियों द्वारा राशि गबन की शिकायत की पुष्टि होने पर प्रकरण में दोषी कर्मचारी अजय कुमार भेड़िया, दौलतराम ठाकुर एवं तामेश्वर नागवंशी शाखा प्रबंधक शाखा निपानी को तत्काल प्रभाव से 23 फरवरी को निलंबित किया गया है एवं शाखा निपानी में कर्मचारियों की व्यवस्था की गई।
प्रकरण की विस्तृत जांच हेतु वरिष्ठ अधिकारी एवं तकनीकी कर्मचारियों की 5 सदस्यी टीम का गठन किया गया है। जांच टीम में बैंक के वरिष्ठ अधिकारी सहित दो कम्प्यूटर ऑपरेटरों को शामिल किया गया है, इसके साथ ही शाखा निपानी में किसानों का शिकायत आवेदन प्राप्त करने कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है व जांच टीम द्वारा विस्तृत जांच की प्रक्रिया जारी है।
संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं
बैंक द्वारा सहकारिता विभाग से शाखा निपानी का वर्ष 2015-16 से 2021-22 तक का विशेष समपरीक्षा हेतु संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं दुर्ग संभाग दुर्ग द्वारा विशेष समपरीक्षा हेतु टीम का गठन किया गया है। जिसमें राजेन्द्र प्रसाद राठिया सहायक पंजीयक, पीके मेश्राम अंकेक्षण अधिकारी, आरके झा व सहकारी निरीक्षक, बीएल नेताम व.सहकारी निरीक्षक एवं उमाशंकर शर्मा व.सहकारी निरीक्षक की ड्यूटी लगाई गयी है।
बैंक द्वारा भी Forensic Auditor चार्टर्ड एकाउन्टेंट को जांच हेतु अधिकृत करने का निर्णय लिया गया है। नोडल अधिकारी बालोद द्वारा पुलिस थाना बालोद में 27 फरवरी को शाखा निपानी में पदस्थ आरोपी कर्मचारी अजय कुमार भेड़िया लिपिक, दौलत राम ठाकुर लिपिक एवं तामेश्वर नागवंशी शाखा प्रबंधक के विरुद्ध भादवि की धारा 420, 409, 34 के तहत FIR दर्ज कराया गय है। जांच टीम द्वारा 25 फरवरी को प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में 5 अमानतदारों की दोहरी अमानत जमा राशि बैंक के हिसाब में न लेकर स्वयं के उपयोग में खर्च कर गबन किया जाना प्रमाणित पाया गया है।
जिसकी राशि 18 लाख 30 हजार रुपये बैंक द्वारा संबंधित अमानतदारों को भुगतान की कार्यवाही की जा रही है। शाखा निपानी में शिकायतकर्ताओं से आवेदन लिया जा रहा है एवं जांच टीम द्वारा प्रकरण की विस्तृत जांच की प्रक्रिया जारी है। बैंक के समस्त अमानतदारो की राशि सुरक्षित है एवं बैंक द्वारा आश्वस्त किया गया है कि किसी भी अमानतदार का आर्थिक नुकसान नहीं होगा।