Nupur Sharma case: पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर भाजपा के निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ देशभर में लगातार विरोध का माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है। कल जुमे (शुक्रवार ) की नमाज के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया गया। इस विरोध प्रदर्शन में हिंसा और पथराव की खबर भी रही। साथ ही साथ कई जगहों पर आगजनी की भी घटना हुई।
इन सबके बीच आज काशी में धर्म परिषद की बैठक हुई। धर्म परिषद में जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा की निंदा की गई। साथ ही साथ इस पर नाराजगी भी जताई गई। संतो ने केंद्र तथा प्रदेश सरकार से अराजकता फैलाने वालों और उसके पीछे के साजिशकर्ताओं को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी मांग की है।
Nupur Sharma case:
संतो की ओर से साफ तौर पर कहा गया है कि नूपुर शर्मा को धमकी देने वालों को गिरफ्तार कर सजा दी जाए। इतना ही नहीं, संतों ने तो यह भी कह दिया कि जिस तरह के से शुक्रवार के दिन हिंसा की गई है, उसके बाद संत समाज चुप नहीं बैठेगा और सड़कों पर उतरेगा। धर्म परिषद की बैठक सुदामा कुटी हरतीरथ के पतालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास की अध्यक्षता में हुई। इसमें कई मठों के पीठाधीश्वर, संत, महंत तथा समाजसेवी मौजूद रहे।
इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि देश को बचाने के लिए संतों को सड़कों पर उतरना होगा और देशद्रोहियों को बेनकाब करना होगा। बैठक में कहा गया है कि कट्टरपंथी देश को अशांति की तरफ ले जा रहे हैं और इसे रोकने के लिए धर्म के रक्षकों को आगे आना होगा। संत समाज ने साफ तौर पर कहा है कि जिस तरीके से जिहादी नमाज पढ़ने के बाद सड़कों पर उतर कर देश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं, संत समाज यह कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।
Nupur Sharma case:
इसके साथ ही नूपुर शर्मा का गला काटने और रेप की धमकी देने वालों की भी कठोर निंदा की गई है। संत समाज ने यह भी कहा है कि हमारे मंदिर तोड़े जा रहे हैं, हमारे भगवान को अपमान किया जा रहा है, हम कानून के रास्ते पर चलकर ही जिहादियों के खिलाफ कार्यवाही चाहते हैं इसके साथ ही देश को जलने से बचाने के लिए संतों के सड़क पर उतरने का भी फैसला लिया गया है जानकारी के मुताबिक इसमें कहा गया है कि सभी पंचों, अखाड़ों और नागाओं से वार्ता कर इस पर फैसला लिया जाएगा। धर्म परिषद में यह भी कहा गया है कि हम भगवान राम के रास्ते पर चलने वाले हैं। हम शांति चाहते हैं और जो हिंसा हो रही है वह अस्वीकार्य है। अब बहुत हो चुका, सरकार तत्काल कदम उठाए।