बिल्डर्स एशोसिएशन ऑफ इंडिया माँग करती है कि अनुबंध में निहित प्रावधान के तहत चल देयक से सरकारी दर पर रॉयल्टी राशि काटकर खनिज विभाग में जमा करते हुए ठेकेदारों का भुगतान करे जिससे छत्तीसगढ़ के विकास में सलग्न ठेकेदार जो तन मन धन से लगे है इनका भुगतान हो सके व निर्माण कार्य गुणवत्ता से निर्वाध चले व समय सीमा में पूर्ण हो सके।
छत्तीसगढ़ शासन के निर्माण कार्यों में GST की समस्या विकराल रूप ले चुकी है GST के संबंध में बिल्डर्स एशोसिएशन ऑफ इंडिया आपका ध्यान 2 बिन्दुओ पर आकर्षित करना चाहती। है:-
1. पूर्व में निर्माण में GST 12% लागू किया गया था। जिस समय Vat हटाकर GST लागू किया गया उस समय चल रहे कार्यों में GST 12% व Vat 5% की फर्क की राशि का भुगतान ठेकेदारों को किया गया है पर पिछले वर्ष GST 12% के स्लेब को बदलकर 18% कर दिया गया। परन्तु छत्तीसगढ़ के विभाग जैसे लोक निर्माण विभाग अंतर की 6% की राशि का भुगतान नहीं कर रहा है इस संबंध में कुछ ठेकेदार माननीय उच्चन्यायालय की शरण में गये जिसमे माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 12% से 18% GST के अंतर की राशि की गणना कर भुगतान करने आदेश पारित किया गया पर कोई भी विभाग इसमे रूची नही ले रहा है। जबकि केन्द्र के सभी विभागो में एवं छत्तीसगढ़ के अन्य विभागो में अंतर की राशि का भुगतान किया जा रहा है।
2. केन्द्रीय निर्माण विभाग व PMGSY MMGSY ने निविदा में GST की गणना अलग से की जाती है। परन्तु लोक निर्माण विभाग व अन्य विभागों में नही कि जाती है। अंतर की 6% राशि का भुगतान सुनिश्चित करते हुए निविदाओं में GST की राशि की गणना अलग से करने का प्रावधान करने हेतु ।