RAIPUR: अधिकनिक अनुसंधान MHRS के प्रवर्तक जनक ज्ञानी दास का लक्ष्य हजारों वर्ष पुरानी प्राचीन चिकित्सा ज्ञान को विलुप्त होने से बचाना

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छत्तीसगढ़ के डॉक्टर ज्ञानी दास मानिकपुरी की रिसर्च ने अब एक नया मोड़ ले लिया है बहुत जल्द एलोपैथी दवाइयां से लोगों को छुटकारा मिल जाएगा साथ ही दबे हुए नस का इलाज भी डॉक्टर मानिकपुरी बेहद गंभीरता से करतेहैं। डॉ मानिकपुरी अम्बिकापुर शहर के जिला सरगुजा ब्लॉक, तहसील, थाना राजपुर के छोटे से गांव गोपालपुर (रेडीपारा) में एक गरीब किसान परिवार में हुआ।

माता श्रीमती फिटको बाई के सबसे छोटे पुत्र है। जिनका जीवन गरीबी से गुजरा हुआ व आज अपने क्षेत्र के साथ-साथ सम्पूर्ण मानव जगत में इन्होने अपनी 15 वर्ष की निरन्तर सेवाये कार्य ग्राम से शहर तक अनेक सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन निःशुल्क एक्यूप्रेशर शिविर द्वारा अपनी जीविका व जन कल्याण कार्य करते हुए उन्होने 20 वर्ष की मेहनत व लगन, मनन, चिन्तन कर अपनी पहचान पूर्व में ही 23 फरवरी, 2015 को अपनी रिसर्च एडवान्स एक्यूप्रेशर फॉर न्यूरोजिकल डिस्ऑडर एक्यूट एण्ड क्रोनिक डिजीस इन हेल्थ बेनिफिट्स शोध कार्य द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल कोलकत्ता के साईंस सिटी ओडोटोरियम में प्राप्त हुआ व इन्होने 4 विषय में स्नात्कोतर (पी.जी.) की शिक्षा ग्रहण कर आत्म विश्वास व गहन शिक्षा द्वारा आधुनिक चिकित्सा स्वास्थ शिक्षा में बहुत ही उपयोगी विषय पर अपनी पहचान शुरू हो रही है।

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