सरसों तेल: विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के कारण दिल्ली के तेल-तिलहन बाजार में सोयाबीन तेल और पामोलिन तेल की कीमतों में सुधार आया जबकि घरेलू मांग कमजोर होने से सरसों के तेल के भाव में गिरावट देखी गई.
सूत्रों ने बताया कि शिकागो एक्सचेंज में शुक्रवार को तीन प्रतिशत का उछाल आया, जिसका सकारात्मक असर सोयाबीन तेल की कीमतों पर हुआ. दूसरी ओर गर्मी के दिनों में घरेलू मांग कमजोर होने से सरसों में तो गिरावट आई जबकि मूंगफली तेल का भाव पुराने स्तर पर बना रहा.
सरसों तेल:देसी तेल की कीमत है कम
सूत्रों के अनुसार, शिकागो में तेजी का असर मलेशिया एक्सचेंज में सोमवार को दिखाई देगा. उन्होंने कहा कि सरकार को घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि देसी तेल की कीमत आयातित तेलों की तुलना में 10 से 12 रुपये प्रति किलो कम है.
सूत्रों ने बताया कि सरकार को देसी तेलों की जांच बढ़ाने की बजाय इनकी अधिकतम खुदरा कीमत (MRP) पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब थोक के भाव कम हैं तो खुदरा में भी राहत मिलनी चाहिए.
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