Social distancing: कोविड-19 के बाद से वयस्कों की आदतों में क्या बदलाव आया है?

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ब्रिटेन में कोविड-19 संबंधी सभी बड़े प्रतिबंध अब हटा दिए गए हैं। पिछले करीब एक साल में संक्रमण दर सबसे कम है, टीकाकरण अपेक्षाकृत बढ़ गया है और कई लोग पुराने जीवन की ओर लौट रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, सार्वजनिक परिवहन से यात्रा करने वाले और कार्यस्थल के लिए यात्रा करने वालों की संख्या अब भी औसत से कम है, लेकिन हमने वैश्विक महामारी से पहले के दौर की तरह ही घरों से बाहर निकलना शुरू कर दिया है।

बहरहाल, वैश्विक महामारी के दौरान पड़ी आदतें अब भी कई लोगों के जीवन का हिस्सा हैं। उदाहरण के तौर पर, हालिया आंकड़ों के अनुसार ब्रिटेन में करीब एक तिहाई लोग भीड़ वाले स्थानों पर जाने से बच रहे हैं, जबकि एक तिहाई का कहना है कि वे घरों के बाहर लोगों से मिलते वक्त सामाजिक दूरी का पालन करते हैं। आधे से अधिक लोग (54 प्रतिशत) अब भी कभी-कभी मास्क पहनते हैं। यह ‘‘लंबी सामाजिक दूरी’’ केवल ब्रिटेन ही नहीं, बल्कि कई देशों से देखने को मिल रही है।

फ्रांस, स्पेन, इटली और जर्मनी समेत कई देशों में 10 में से चार से अधिक लोगों ने कहा है कि वे अब भी भीड़ वाले स्थानों पर जाने से बच रहे हैं। इस बीच, एक अमेरिकी अनुसंधान के अनुसार, 13 प्रतिशत अमेरिकियों का कहना है कि महामारी खत्म होने के बाद भी उनकी सामाजिक दूरी का पालन करने की योजना है, जबकि अन्य 46 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनकी सामान्य गतिविधियों की ओर आंशिक रूप से लौटने की योजना है।

ऐसा कौन लोग कर रहे हैं और क्यों कर रहे हैं?
सवाल यह है कि ऐसा कौन लोग कर रहे हैं और क्यों कर रहे हैं? आइए देखते हैं। इनमें एक समूह ऐसा है, जिसकी रोग प्रतिरोधी क्षमता कमजोर है। अमेरिकी अनुसंधानकर्ताओं ने पाया है कि वैश्विक महामारी के बाद युवाओं द्वारा सामाजिक दूरी का पालन जारी रखने की संभावना कम है, लेकिन आंकड़ों के अनुसार 16 से 29 आयु वर्ग के 16 प्रतिशत लोग अब भी सामाजिक दूरी का पालन कर रहे हैं और 40 प्रतिशत लोग अब भी मास्क पहन रहे हैं।

हालांकि कई सर्वेक्षण के अनुसार, नियम तोड़ने वालों में युवा वयस्कों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक है, लेकिन कई अन्य सर्वेक्षणों में पाया गया कि नियमों का पालन करने के मामले में भी यही समूह आगे है। विशेष रूप से, युवाओं के लिए कोविड-19 संबंधी प्रतिबंधों का पालन बेहद मुश्किल था। युवाओं में पिछले दो वर्षों में अधिक उम्र के वयस्कों की तुलना में सामान्य जीवन संतुष्टि काफी कम रही है। वैश्विक महामारी के दौरान हुआ ‘‘सामजिक नुकसान’’ युवाओं के लिए संभवत: अधिक चुनौतीपूर्ण रहा, जिनके विकास के लिए सामाजिक होना आवश्यक है।

युवाओं में अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें पैदा होने की अधिक आशंका है। इसके अलावा उचित आहार नहीं लेने, अत्यधिक शराब पीने और व्यायाम नहीं करने के कारण उनके शारीरिक स्वास्थ्य पर भी अपेक्षाकृत अधिक बुरा असर पड़ने की आशंका है।

ब्रिटेन के हालिया आंकड़ों के अनुसार निश्चित ही, कई लोग ऐसे हैं, जो कोविड-19 के कारण उनके जीवन पर प्रभाव को लेकर कहीं न कहीं ंिचतित हैं। हर 10 में से चार लोगों को यह ंिचता है। दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका आंकड़ों के अनुसार, कम आय और कम औपचारिक शिक्षा वाले लोगों के यह महसूस करने की संभावना कम है कि वे सामान्य जीवन में लौट पाएंगे।

‘कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान सार्वजनिक विचार’ संबंधी हमारी परियोजना के तहत हम मार्च 2020 के बाद से विभिन्न समूहों के कई लोगों से बात कर रहे हैं। इसके पीछे हमारा एक लक्ष्य यह पता लगाना है कि सामाजिक दूरी कब तक कुछ लोगों की ंिजदगी का हिस्सा रह सकती है।

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