संवाददाता : सुमित जालान
गौरेला पेंड्रा मरवाही : अपनी बहू को ढंग से कपड़ा पहनने के लिये रोकाटोकी करने पर बहू द्वारा अपशब्द बोले जाने पर आक्रोशित होकर बहू की हत्या करने वाले आरोपी पति-पत्नि को 10 – 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनायी है।
दरअसल मामला 12 नवंबर 2020 को गौरेला थाना क्षेत्र के कोरजा गांव के बालधार का है जहां रहने वाले मुनीम चौधरी और मिथिला चौधरी पति पत्नि है और इनको अपने बेटे बहू से पारिवारिक विवाद पिछले कुछ समय से चल रहा था। ये परिवार एक ही आंगन और बाड़ी वाले घर में रहता है। घटना दिनांक को धनतेरस का त्योहार था।
मुनीम चौधरी की बहू कौषल्या नहाकर ब्लाउज और पेटीकोट पहनकर निकलकर अपने घर जा रही थी कि आंगन में मुनीम चौधरी ने उसको टोक दिया कि ठीक ठाक कपड़ा पहनकर चला करो इतने में कौषल्या बोली कि मै कैसे भी कपड़ा पहनूं मुझे मत बोला करो। कौषल्या ने यह तक कह दिया कि मै तेरे सीने में पैर रखकर चलूंगी और मुंह में पेषाब करूंगी।
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इतने में मुनीम चौधरी बाड़ी में रखे लकड़ी से मारा जिसको उसकी पत्नि मिथिला ने पकड़ा और पिटाई से कौषल्या की मौत हो गयी जिसके बाद इन दोनों ने बहू को बरामदे में रख दिया और बिजली के करंट से मौत होना बताता रहा पर पुलिस की पूछताछ तथा पोस्टमार्टम रिपोर्ट और शरीर में चोट के निशान और आसपास खून के बिखराव से हत्या का खुलासा हुआ जिसके बाद गौरेला पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज करते हुये आरोपी मुनीम चौधरी को 13 नवंबर तथा आरोपिया मिथिला चौधरी को 20 नवंबर 2020 को गिरफ्तार कर लिया था।
जहां अपर सत्र न्यायाधीश किरण थवाईत ने दोनो आरोपियों मुनीम चौधरी तथा मिथिला चौधरी को भादवि की धारा 302, 201, 34 के तहत दस-दस साल के सश्रम कारावास और 500 रूपये का अर्थदंड, धारा 366 के तहत 5 साल का सश्रम कारावास और 500-500 रूपये का अर्थदंड तथा अर्थदंड की अदायगी की चूक में 6 माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी। इस मामले में शासन की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोनक पंकज नगाईच ने की।
वहीं इस मामले में अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश किरण थवाईत ने अवयस्क मृतका के दो बच्चो को मृतका की मौत के बाद मातृत्व स्नेह से वंचित होने पर मृतका के आश्रितों को पीड़ित प्रतिकर योजना के अंतर्गत समुचित प्रतिकर प्रदान करने के लिये आदेश की कॉपी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर को भेजने के निर्देश दिये हैं।